फूलों की खेती से महक उठी किसानों की जिंदगी, करोड़ों में हो रही है कमाई

 
फूलों की खेती से महक उठी किसानों की जिंदगी, करोड़ों में हो रही है कमाई
WhatsApp Group Join Now

समय के साथ ही अब किसान भी नये नये प्रयोग कर आगे बढ़ रहे हैं। इस कड़ी में जींद के किसानों का नाम भी जुड़ गया है। इसकी वजह यहां भी ज्यादातर किसानों का अपनी पारंपरीक खेती छोड़कर फूलों की खेती करना है। फूलों की खेती किसानों के जीवन को महका रही है। जी हां इसकी वजह फूलों की खेती में अच्छी खासी कमाई होना है। वहीं बागवानी विभाग भी किसानों के लिए संजीवनी बनकर उभरा है। विभाग किसानों को सरकार की तरफ से मिलने वाली मदद को किसानों तक पहुंचाकर उनकी राह को और आसान बना रहा है। यही वजह है कि चंद सालों में ही जींद में फूलों की खेती का कारोबार एक सीजन में एक करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर चुका है। यहां किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी हो रही है।

जींद में फूल उत्पादक किसानों में नाम कमा चुके अमरहेड़ी गांव के युवा किसान विक्रम बताते हैं कि अभी यहां फूलों की खेती को किसान उतनी तव्वजो नहीं दे रहे, हालांकि एक किलो फूलों के उत्पादन पर 15 रुपए का खर्च होता है। बात अगर मुनाफे की हो तो बाजार में 25 से 30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से फूलों की बिक्री आसानी से हो जाती है। स्थानीय मंडी में भाव कभी-कभी और भी ज्यादा मिल जाते हैं। खास तौर पर शादी समारोह के दौरान फूलों की मांग बढ़ जाती है।

जानकारी के अनुसार, जिले में अभी किसान कलकत्ती ब्रांड के गेंदा के फूलों की खेती को ही अपना रहे हैं। यहां खेती का दायरा सौ एकड़ तक पहुंच चुका है। एक एकड़ में 70 से 80 क्विंटल तक फूल उत्पादित होते हैं। जहां तक सालाना टर्नओवर की बात है तो प्रति एकड़ 70 हजार से सवा लाख रुपये तक की बिक्री होती है यानी एक साल में फूलों की खेती का कारोबार जिले में सवा करोड़ रुपए के करीब तक पहुंच चुका है। फूल उत्पादक किसान विक्रम के अनुसार गेंदा की खेती तीन माह बाद ही उत्पादन देना शुरू कर देती है। जबकि छह माह तक एक बार लगाई गई फसल से उत्पादन होता है।

जींद के फूल उत्पादक किसान बताते हैं कि उनके फूलों के कद्रदान स्थानीय मंडी के साथ-साथ दिल्ली गाजीपुर व आजादपुर मंडी के अलावा राजस्थान में अलवर और जयपुर आदि शहरों तक में हैं। दूसरे राज्यों की मंडियों के कारोबारी सीधे भी संपर्क साधकर फूल खरीद रहे हैं तो कई बार वह खुद भी इन मंडियों में अपने फूलों को लेकर जाते हैं। इससे कीमतें भी अच्छी मिल जाती हैं।