EPFO Update: PF कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! अब PF खाते पर मिलेगा इतना ब्याज

 
EPFO Update: PF कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! अब PF खाते पर मिलेगा इतना ब्याज
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यह बिल्कुल सही जानकारी है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए EPF खाताधारकों को 8.25% ब्याज देने की सिफारिश की है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में CBT की 237वीं बैठक में यह सिफारिश की गई। अब इस सिफारिश को मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा। मंजूरी के बाद ही खाताधारकों के खाते में यह ब्याज दर लागू होगी। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में भी 8.15% ब्याज दर दी गई थी, इस बार इसमें थोड़ी बढ़ोतरी की गई है।

आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। केंद्रीय भविष्य निधि संगठन (EPFO) की 237वीं बैठक में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 8.25% ब्याज दर की सिफारिश की गई है, जिसे अब केंद्र सरकार की आधिकारिक अधिसूचना का इंतजार है।

महत्वपूर्ण बिंदु:

यह ब्याज केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद ही खाताधारकों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। 2023-24 में भी ब्याज दर 8.15% थी, यानी इस बार मामूली बढ़ोतरी की गई है। बैठक में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के साथ शोभा करंदलाजे (उपाध्यक्ष), सुश्री सुमिता डावरा (सह-उपाध्यक्ष), रमेश कृष्णमूर्ति (सचिव) और केंद्रीय पीएफ आयुक्त भी शामिल हुए।

यह बिल्कुल सही जानकारी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.2% दर्ज की गई है।

पिछली तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जीडीपी वृद्धि 5.4% रही थी, जो 7 तिमाहियों में सबसे कम थी। एनएसओ के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में विकास दर 6.5% रहने की उम्मीद है। तीसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी (स्थिर मूल्यों पर) करीब 47.17 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल की तीसरी तिमाही में यह 44.44 लाख करोड़ रुपये थी। इस आंकड़े से साफ है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। वित्त वर्ष 2024-25 (Q3) के मुख्य बिंदु: इसके 84.74 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। पिछले साल (FY24 Q3) यह 77.10 लाख करोड़ रुपये था। यानी इसमें 9.9% की बढ़ोतरी हुई है। इसके 43.13 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। पिछले साल (FY24 Q3) यह 40.60 लाख करोड़ रुपये था। यानी इसमें भी 6.2% की बढ़ोतरी हुई है। इसके 77.06 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। पिछले साल (वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही) यह 69.90 लाख करोड़ रुपये था। यानी इसमें 10.2% की बढ़ोतरी हुई है।

कुल मिलाकर, भारतीय अर्थव्यवस्था नाममात्र और वास्तविक दोनों स्तरों पर अच्छी वृद्धि दिखा रही है। यह डेटा दिखाता है कि मुद्रास्फीति और उत्पादन दोनों बढ़ रहे हैं, लेकिन आर्थिक गतिविधि भी गति पकड़ रही है।