हरियाणा में चुनाव के बीच भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर ED की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 834 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट(ईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने भूपेंद्र हुड्डा, मेसर्स ईमार इंडिया लिमिटेड (EMAAR) और एमजीएफ डेवलपमेंट लिमिटेड समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 834 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। ये संपत्ति गुरुग्राम और दिल्ली के 20 गांवों में है।
आरोप है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कंपनियों ने नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (DTCP) के तत्कालीन डायरेक्टर त्रिलोक चंद गुप्ता के साथ मिलकर सस्ते दामों पर जमीन हथिया ली थी। इसकी वजह से न केवल लोगों को, बल्कि सरकार को भी नुकसान हुआ था।
CBI ने बनाया है इन्हें आरोपी
CBI की ओर से दर्ज FIR के आधार पर ED जांच कर रही है। इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डीटीसीपी के तत्कालीन निदेशक त्रिलोक चंद गुप्ता, मेसर्स ईमार एमजीएफ लैंड लिमिटेड और 14 अन्य कॉलोनाइजर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी।
कम कीमत पर बेचने को हुए मजबूर लोग
यह मामला अलग-अलग जमीन के मालिकों, आम जनता और हुड्डा के साथ धोखाधड़ी से जुड़ा है। इसमें भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 और बाद में भूमि अधिग्रहण के लिए अधिनियम की धारा 6 के तहत अधिसूचना जारी करवाई गई। इससे भूस्वामियों को अपनी जमीन इन कॉलोनाइजर कंपनियों को कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा।
साल 2009 में हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम के सेक्टर 58 से 63, सेक्टर 65 से 67 की 1417.07 एकड़ भूमि पर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा-4 के तहत अधिसूचना जारी की थी।