हरियाणा के इस शहर में निकलेगा बाईपास, सरकार ने जमीन खरीद को दी मंजूरी

 
हरियाणा के इस शहर में निकलेगा बाईपास, सरकार ने जमीन खरीद को दी मंजूरी
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हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई हाई पावर लैंड परचेज कमेटी (एचपीएलपीसी) की बैठक में कैथल जिला में चीका सिटी से पटियाला रोड तक बाईपास निर्माण के लिए भू-मालिकों की सहमति से ई-भूमि पोर्टल के माध्यम 60.66 एकड़ भूमि की खरीद को मंजूरी दी गई है, जिसकी लागत लगभग 28.51 करोड़ रुपये आएगी।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित जिला उपायुक्तों के साथ एचपीएलपीसी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भू-मालिकों द्वारा उनकी सहमति से दी गई भूमि खरीदने के बाद प्रस्तावित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए।

बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, परिवहन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन राज्यमंत्री श्री अनूप धानक भी उपस्थित रहे। इसके अलावा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रस्तावित सरकारी परियोजनाओं के लिए अपनी जमीन देने पर सहमति जताने वाले भू-मालिकों ने भी बैठक में हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री ने चीका, बदसुई, हरिगढ़, किंगान, कलार माजरा, पीडल, तिताना गांवों के भू- मालिकों से बातचीत करते हुए कहा कि उक्त बाइपास के बनने से चीका के साथ- साथ आसपास के गांवों को भी काफी फायदा होगा और निश्चित रूप से जिले के समग्र विकास के साथ-साथ रोजगार, व्यवसाय जैसे कई अन्य अवसरों के द्वार भी खुलेंगे।

बैठक में जिला फतेहाबाद के टोहाना में बस स्टैंड के निर्माण के संबंध में एक अन्य एजेंडे पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने उपायुक्त श्री प्रदीप गोदारा को निर्देश दिए कि भू- मालिकों से वार्ता कर जल्द से जल्द परियोजना को अंतिम रूप दें।

बैठक में मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव, श्री डी. एस. ढेसी, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार, भूमि-जोत एवं भू-अभिलेखों की चकबंदी विभाग की निदेशक आमना तसनीम कैथल के उपायुक्त श्री प्रदीप दहिया, फतेहाबाद के उपायुक्त श्री प्रदीप गोदारा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

हरियाणा में ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिए पांच ‘सैंटर ऑफ एक्सीलेंस’ खोले जाएंगे। इनके अलावा, 20 आईटीआई या बहुतकनीकी संस्थानों में भी रिसर्च सैंटर आरंभ किए जाएंगे।

यह जानकारी हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने आज ‘हरियाणा इलैक्ट्रिक व्हीकल पोलिसी’ का ड्राफ्ट फाइनल करने के लिए बुलाई गई उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, एमएसएमई एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद दी। इस अवसर पर राज्य मंत्री श्री अनूप धानक भी उपस्थित थे।

डिप्टी सीएम ने ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिए राज्य में पांच ‘सैंटर ऑफ एक्सीलेंस’ खोले जाएंगे जिनको प्रत्येक को 5 करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसी प्रकार 20 या बहुतकनीकी संस्थानों में भी रिसर्च सैंटर आरंभ किए जाएंगे जिनको 25-25 लाख की वित्तीय मदद की जाएगी। उन्होंने यह भी अधिकारियों को निर्देश दिए कि शोध एवं अन्य क्षेत्र में धन की कमी नहीं रहने दी जाएगी, बशर्ते उच्च गुणवत्ता का कार्य होना चाहिए।

उन्होंने बताया कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों को भी ‘ई-व्हीकल’ खरीदने पर विशेष रियायत दी जाएगी।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ई-व्हीकल निर्माता कंपनियों, प्रयोग करने वाले वाहन चालकों तथा चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने वाले लोगों को फोकस करके ‘हरियाणा इलैक्ट्रिक व्हीकल पोलिसी’ बनाई जा रही है जिसमें उनको विशेष छूट दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दोपहिया, तिपहिया तथा चारपहिया ई-व्हीकल्स को प्रोत्साहित करने पर बल दे रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की योजना है कि वर्ष 2022 में राज्य में ई-व्हीकलों की भारी तादाद हो। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि ई-व्हीकल के लिए बनाई जा रही प्रदेश की ‘हरियाणा इलैक्ट्रिक व्हीकल पोलिसी’ पूरे देश में सर्वोत्कृष्ट हो।

इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार,एमएसएमई की महानिदेशक श्रीमती अमनीत पी. कुमार, हरियाणा पॉवर जनरेशन कारपोरेशन के एमडी श्री मोहम्मद शाइन समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।