हरियाणा में सरकार बचाने के लिए विधायकों को ऑफर दे रही भाजपा, JJP और कांग्रेस के MLA बदल सकते हैं पाला

हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव की तैयारियों में राजनीतिक पार्टियां जुट गई है।
 
हरियाणा में सरकार बचाने के लिए विधायकों को ऑफर दे रही भाजपा, JJP और कांग्रेस के MLA बदल सकते हैं पाला
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हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव की तैयारियों में राजनीतिक पार्टियां जुट गई है। निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद अल्पमत आई बीजेपी पार्टी ने सरकार को बचाने के लिए विधायकों को बड़ा ऑफर दिया है।

भाजपा के पास अभी निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा, फरीबादबाद की पृथला से निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत, जेजेपी से नरवाना के विधायक राम निवास सुरजाखेड़ा और बरवाला से जोगी राम सिहाग बीजेपी सरकार का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी बचाने के लिए बड़ा ऑफर देने का वादा किया है।

जोगीराम सिहाग बरवाला, गोपाल कांडा सिरसा, नयन पाल रावत पृथला और रामनिवास सुरजाखेड़ा नरवाना से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। इन चारों ही विधायकों ने लोकसभा चुनाव में खुलकर भाजपा का समर्थन किया था। ऐसे में इन चारों ही विधानसभा में भाजपा के नेताओं को झटका लग सकता है जो विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं।


जजपा और कांग्रेस के MLA बदल सकते हैं पाला

जजपा के कुछ विधायक लोकसभा चुनाव में ही पाला बदल चुके हैं। जेजेपी के टोहाना विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने सिरसा लोकसभा सीट पर कुमारी शैलजा का समर्थन किया था। जेजेपी के गुहला विधायक ईश्वर सिंह के बेटे ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और पार्टी के शाहबाद विधायक राम करण काला के दो बेटे भी संसदीय चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस में शामिल हो गए।

इससे पता चलता है कि जेजेपी में उथल-पुथल मची हुई है। इसी तरह कांग्रेस के कुछ और विधायक भी भाजपा के संपर्क में है। भाजपा की तरफ से विधानसभा में टिकट पक्का होने का ऑफर दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री के बयान और किरण की एंट्री से इशारा

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बयान दिया है कि हरियाणा सरकार को कोई खतरा नहीं है। खतरा है तो कांग्रेस को है। कांग्रेस खुद अल्पमत यानि उनके खुद के विधायक उनके साथ नहीं है। कांग्रेस के नेता व विधायक भाजपा के संपर्क में है।

मुख्यमंत्री के बयान से साफ है कि जजपा और कांग्रेस के विधायक आने वाले समय में भाजपा का दामन थाम सकते हैं। ​​​​​​हाल ही में कांग्रेस की तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा है।

किरण को विधानसभा में भाजपा का टिकट देने का वादा किया गया है। वहीं श्रुति चौधरी पर भी सरकार मेहरबान हो सकती है। किरण चौधरी के जरिये कांग्रेस खेमे को संदेश देने की कोशिश की गई है कि अगर कोई विधायक भाजपा ज्वाइन करता है तो उसे विधानसभा में पक्का टिकट दिया जाएगा।


हरियाणा विधानसभा में सीटों का गणित

वहीं हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। 3 फिलहाल खाली हैं। 87 में से बहुमत का आंकड़ा 44 है। भाजपा के पास इस वक्त 43 विधायक हैं। भाजपा के पास 41 विधायक हैं और हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयन पाल रावत के समर्थन के साथ, उनके विधायकों की संख्या 43 है। वहीं विपक्ष के पास पहले 44 विधायक थे लेकिन किरण चौधरी के भाजपा में आने से उनके पास भी अब 43 विधायक ही बचे हैं।

90 नहीं, अब सदन में 87 विधायक

हरियाणा विधानसभा में विधायकों की संख्या 90 है। लेकिन, 25 मई को बादशाहपुर विधायक राकेश दौलताबाद के निधन, बिजली मंत्री और हिसार लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह के इस्तीफे और अंबाला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के बाद मुलाना विधायक वरुण चौधरी के इस्तीफे के बाद सदन में अब 87 विधायक हैं।


भाजपा के 40 विधायकों में से 39 को ही वोटिंग का अधिकार

3 निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस के समर्थन में ऐलान के बाद हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 40 विधायक बचे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर अपनी विधायकी से इस्तीफा दे चुके हैं।

हरियाणा में राजनीतिक विश्लेषक और कानूनविद हेमंत का कहना है कि विधानसभा में भाजपा के पास संवैधानिक रूप से प्राथमिक तौर पर 39 ही विधायक हैं। उन्होंने बताया कि नायब सैनी सरकार के पक्ष में (अगर विश्वास प्रस्ताव हो) और विरोध में (अगर अविश्वास प्रस्ताव हो) तो 40 में से 39 MLA ही वोट कर सकेंगे।