हरियाणा में कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, जानिए सरकार का फरमान

हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। सरकार ने कामचोर कर्मचारिओं के खिलाफ एक बड़ा एक्शन लिया है। यदि किसी अधिकारी के काम में कोई कमी पाई जाती है या उसका आचरण खराब मिलता है या फिर उसके खिलाफ कोई भ्रष्टाचार जैसे संगीन आरोप हैं तो उसको 50 की उम्र के बाद सरकार द्वारा जबरन रिटायर कर दिया जाएगा।
बता दें कि मुख्य सचिव की कुर्सी संभालने वाले अनुराग रस्तोगी ने कहा- भ्रष्टाचार को लेकर हरियाणा सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है।
अधिकारियों के कार्यों के लिए कमेटियां बनी हुई हैं। जो अधिकारियों के कार्यों का आकलन करती है। यदि किसी के खिलाफ गंभीर आरोप पाए जाते हैं तो ऐसे अधिकारी अपने आठ साल की नौकरी खो देंगे।
प्रदेश में सरकारी नौकरी की रिटायरमेंट उम्र 58 साल है। मुख्य सचिव रस्तोगी ने कहा- यह नियम तो पहले बनाए गए थे, मगर अब इन नियमों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। ग्रुप ए व ग्रुप बी के अधिकारियों की 50 साल की उम्र में और ग्रुप सी के अधिकारियों की 55 साल की उम्र में कमेटियां उनके कार्यकाल की समीक्षा करेंगी।
इन अधिकारियों की पिछले दस साल की एसीआर (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) देखी जाएंगी। यदि उसमें सात बार या उससे ज्यादा अच्छी टिप्पणी पाई गई तो उसका कार्य संतोष जनक माना जाएगा। इससे कम टिप्पणी मिली तो उस अफसर को सेवाविस्तार नहीं दी जाएगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ऐसे मामलों को निपटाएगी।
अपील कमेटी का होगा गठन
हरियाणा सरकार द्वारा मिली जानकारी के अनुसार एक अपीलेट कमेटी का भी गठन किया जाएगा, जहां जबरन सेवानिृवत्त किए जाने वाले अधिकारी अपनी बात रख सकेंगे। सरकार की आगामी योजना यह भी है कि बोर्ड और निगमों में भी ऐसे मामलों के लिए भी समीक्षा कमेटी बनाई जाएगी, ताकि भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सके।