हरियाणा के इन 36 गांवों के लिए बुरी खबर, प्रशासन ने दी 3 दिन में कार्रवाई के आदेश

तीन दिन में होगी कार्रवाई
गोहाना की एसडीएम अंजलि श्रोत्रिय की अध्यक्षता में अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसमें अवैध कब्जे हटाने की रूपरेखा तय की गई। एसडीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि 8 मार्च तक सभी अवैध निर्माणों को हटाकर रिपोर्ट सौंपी जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी चेतावनी दी कि अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही हुई तो सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों से सहयोग की अपील
प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से सहयोग करने की अपील की है ताकि सरकारी भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। अधिकारियों के अनुसार, पंचायती जमीन (Panchayati Land) और अन्य सरकारी भूखंडों (Government Property) पर किए गए अतिक्रमणों को पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत हटाया जाएगा।
ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त
सरकारी जमीन को मुक्त कराने के लिए प्रशासन ने 5 ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए हैं, जो कार्रवाई की निगरानी करेंगे:
नायब तहसीलदार अभिमन्यु
नायब तहसीलदार अशोक कुमार
बीडीपीओ परमजीत
एसडीओ अनिल खत्री
एसडीओ जितेंद्र खोखर
इन सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सख्ती से कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
इन 36 गांवों में चलेगा बुलडोजर
अधिकारियों के मुताबिक, जिन गांवों में अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाई की जाएगी, उनमें मुख्य रूप से गढ़ी सराय नामदार खां, बड़ौता, सिवाना, कथूरा, कैलाना खास, शामड़ी सिसान, शामड़ी लोहचब, शामड़ी, रभड़ा, माहरा, ठसका, मिर्जापुर खेड़ी, मोई हुड्डा, मदीना, नूरण खेड़ा, गंगाना, घड़वाल, रिंढाना, बरोदा, कासंडी, चिड़ाना, भंडेरी, जसराणा, छिछड़ाना आदि शामिल हैं। इन सभी गांवों में बुलडोजर (Bulldozer) की कार्रवाई तय कर दी गई है।
पुलिस भी रहेगी तैनात
प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई इस कार्रवाई में बाधा डालने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी प्रावधानों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान भारी पुलिस बल (Police Force) तैनात किया जाएगा ताकि किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन या हंगामे को रोका जा सके।
ग्रामीणों में मचा हड़कंप
गोहाना के 36 गांवों में इस कार्रवाई की खबर फैलते ही ग्रामीणों में हलचल मच गई है। कई जगहों पर अवैध निर्माणों में रिहायशी मकान भी शामिल हैं, जिससे प्रभावित परिवारों में चिंता बढ़ गई है। कई लोग इस कार्रवाई को रोकने के लिए अदालत (Court) का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहे हैं, तो कुछ गांवों में स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन करने की रणनीति बना रहे हैं।