हरियाणा के कैथल में एसीबी की रेड हुई फेल, इस अधिकारी पर लगे रेड रुकवाने के आरोप

Haryana: रिश्वत मांगने पर कलायत में एक कर्मचारी को पकड़ने गई एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) टीम की रेड फेल हो गई। रेड फेल करने का शक ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए अधिकारी पर है।
अधिकारी के मोबाइल की जानकारी के लिए अब एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने साइबर सेल को पत्र लिखा है। कैथल जिले में यह संभवतः पहला ऐसा मामला है, जिसमें रिश्वतखोरी केस में रेड फेल करवाने के आरोप ड्यूटी मजिस्ट्रेट पर लग रहे हैं।
3 फरवरी को मिली थी शिकायत
दरअसल, गांव सिणंद के रहने वाले कर्ण सिंह ने 3 फरवरी को एंटी करप्शन ब्यूरो कैथल को शिकायत दी थी। जिसमें कलायत तहसील के एक कर्मचारी पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे।
सबूत के तौर पर रुपए मांगने की ऑडियो मिलने के बाद एसीबी ने भी तैयारी पूरी कर ली थी। रुपए पर पाउडर लगाकर शिकायतकर्ता को थमा दिए और जिला बाल कल्याण अधिकारी बलबीर चौहान को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया था।
यहीं पर टीम से गलती हो गई, क्योंकि जिस कर्मचारी को पकड़ने जाना था, वह ड्यूटी मजिस्ट्रेट का करीबी पारिवारिक सदस्य निकला। जिसका पता तब चला जब रेड फेल होने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट के पास उसी कर्मचारी की कॉल आ गई, जिसे पकड़ने के लिए टीम कलायत गई थी।
ये था पूरा मामला
सिणंद के कर्ण सिंह ने बताया कि वह जमीन के कुछ कागजात तहसील कलायत में बनवा रहा था। 28 को तहसील कर्मचारी ने काम करने की एवज में 5 हजार रुपए मांगे और रुपए लेकर सोमवार 3 फरवरी को बुलाया।
उसने रुपए मांगने की मोबाइल में रिकॉर्डिंग कर ली। 3 फरवरी को कर्ण सिंह कैथल स्थित एसीबी के ऑफिस में पहुंचा। वहां रिश्वत मांगने की शिकायत दी। अधिकारियों ने उसके हाथ धुलवाए और 5 हजार रुपए के नोटों पर पाउडर लगा दिया।
एसीबी का अधिकारी स्कूटी पर पहुंचा। लेकिन रिश्वत लेने वाले कर्मचारी ने रिश्वत लेने से मना कर दिया। जब कर्मचारी से बातचीत हुई, तो ड्यूटी मजिस्ट्रेट टॉयलेट में गया। तभी गड़बड़ी का शक हुआ।
एसीबी के कैथल इंचार्ज इंस्पेक्टर महेंद्र ने कहा कि मामले के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है। रेड फेल करवाने में किसी की भूमिका मिलती है तो उस पर कार्रवाई होगी।
वहीं कैथल डीसी प्रीति ने कहा कि मेरे संज्ञान में रेड लीक का मामला नहीं था। रेड के लिए मौके पर ही ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करते हैं। यदि कोई पुलिस जांच में दोषी पाया गया, तो कार्रवाई होगी।