118 गांवों से होकर गुजरेगी रेलवे लाइन, 43.22 हेक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहित

 
118 गांवों से होकर गुजरेगी रेलवे लाइन, 43.22 हेक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहित
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Sahjanwa-Dohrighat Rail Project रेल परियोजनाओं को लेकर इंडियन रेलवे (indian railway) काफी तेजी से काम करता दिखाई दे रहा है। ऐसे मे अब रेलवे (railway) की ओर से नई रेल परियोजना (new rail project) की सौगात दी है। जोकि जिले के 118 गांवों से होकर गुजरेगी। जिसको लेकर रेलवे (railway) की ओर से जल्द ही 43.22 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित (land acquired) करेगा। आइए नीचे खबर में जानते है रेल परियोजना को लेकर जरूरी जानकारियां

सहजनवा-दोहरीघाट रेल परियोजना (Sahjanwa-Dohrighat Rail Project) के भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया (land acquisition process) तेजी से चल रही है। यह रेल लाइन मऊ जिले के सात गांवों और गोरखपुर के 111 गांवों से होकर गुजरेगी। मऊ जिले की लगभग 43.22 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित होगी। रेलवे ने सर्वे प्रक्रिया पूरी करने के बाद पूरा विवरण जिला प्रशासन को सौंप दिया है। रेल लाइन परियोजना को मंजूरी मिलने से जहां हजारों लोगों को रोजी-रोटी का साधन उपलब्ध होगा वहीं क्षेत्र का पिछड़ापन भी दूर होगा।

दोहरीघाट सहजनवा नई रेल लाइन (Dohrighat Sahjanwa new rail line) बिछाने के लिए कवायद तेज हो गई है। रेल लाइन पर करीब 1320 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जनपद के लोगों को मऊ, आजमगढ़ या गोरखपुर जाने में इस लाइन के चालू होने और दोहरीघाट में बड़ा स्टेशन बनने से लोगों को काफी सहूलियत प्रदान होगी। यह रेल लाइन मऊ जिले के दोहरीघाट, गोठा, नई बाजार, कोरौली सहित सात गांव सहित गोरखपुर जिले के 111 गांवों से होकर गुजरेगी।

मऊ से गोरखपुर तक 80 किमी रेल लाइन बिछाई
रेलवे प्रशासन ने मऊ जिले की करीब 43.22 हेक्टेयर का नक्शा, खसरा-खतौनी जिला प्रशासन को सौंप दिया है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने से पूर्वांचल के लोगों में सुगम यात्रा की आस जगी है। इस नई रेलवे लाइन के लिए मऊ से गोरखपुर तक 80 किमी रेल लाइन बिछाई जाएगी। रेलवे प्रशासन ने फाइनल लोकेशन सर्वे की प्रक्रिया भी लगभग पूरी कर ली है। अभिलेखों और नक्शा के सत्यापन के बाद भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके लिए रेलवे और जिला प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाई जाएगी,जो भूमि पर कब्जा करने के साथ किसानों को निर्धारित मुआवजा देगी। इस रेल लाइन के बन जाने से वाराणसी एवं बिहार के लिए एक और मार्ग तैयार हो जाएगा।


रेल लाइन पर 10 बड़े पुल होंगे
रेल लाइन पर 10 बड़े पुल, सरयू नदी पर एक महत्वपूर्ण पुल, 47 छोटे पुल एवं 15 अंडर पास बनाए जाएंगे।इ स रेल लाइन पर दो रेल ओवरब्रिज भी बनेंगे। वहीं ट्रेनें 12 स्टेशनों से होकर गुजरेंगी। इनमें से चार हाल्ट स्टेशन होंगे।


कम होगी गोरखपुर से वाराणसी की दूरी
दोहरीघाट-सहजनवां नई रेल लाइन के बिछ जाने से गोरखपुर से वाराणसी की दूरी कम हो जाएगी। गोरखपुर से दोहरीघाट होते हुए वाराणसी, प्रयागराज और लखनऊ के लिए भी ट्रेनें चलने लगेंगी। यह रेल लाइन सहजनवां में बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा मेन लाइन में मिल जाएगी। दोहरीघाट से इंदारा होते हुए मऊ और वाराणसी रेलमार्ग से जुड़ जाएगी।

पूर्वांचल में रेल लाइनों का जाल बिछ जाएगा। जो नया वैकल्पिक मार्ग तैयार करेगा। प्रोजेक्ट पूर्ण होने से क्षेत्र का पिछड़ापन दूर होगा व क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास भी होगा। लखनऊ, बलिया, छपरा, दिल्ली समेत अन्य महानगरों के लिए भी सीधे रेल सेवा उपलब्ध हो सकेगी।
रेल परियोजना के भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। यह रेल लाइन मऊ जिले के सात गांवों तथा गोरखपुर के 111गांवों से होकर गुजरेगी। सर्वे प्रक्रिया पूरी करने के बाद पूरा विवरण जिला प्रशासन को सौंप दिया गया है।


कृष्णा सिंह, डिप्टी चीफ इंजीनियर रेलवे