पलवल रेलवे कॉरिडोर जमीन घोटाले में पटवारी गिरफ्तार: जींद निवासी पटवारी ने एक्वायर जमीन से 145 गज अपने मां-पिता और भाई-बहन के नाम की थी

 
पलवल रेलवे कॉरिडोर जमीन घोटाले में पटवारी गिरफ्तार: जींद निवासी पटवारी ने एक्वायर जमीन से 145 गज अपने मां-पिता और भाई-बहन के नाम की थी
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हरियाणा के पलवल में हुए बहुचर्चित रेलवे कॉरिडोर जमीन घोटाला मामले में गठित विशेष अनुसंधान टीम (SIT) ने मामले में संलिप्त पटवारी राजेश को गिरफ्तार किया है। यह इस मामले में 8वीं गिरफ्तारी है। पटवारी राजेश जींद के गांव मालवी का रहने वाला है। उसे SIT ने सेल डीड बरामद करने के लिए कोर्ट से एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया। इससे पहले चार पटवारी, एक डाटा ऑपरेटर, एक प्रॉपर्टी डीलर और एसडीएम के रीडर को जेल भेजा जा चुका है। जांच टीम अब तक 23 सेल डीड और 3 लाख 31 हजार रुपए बरामद कर चुकी है।

ये था पटवारी का खेल
SIT प्रभारी एवं DSP पलवल विजयपाल सिंह ने बताया कि रेलवे कॉरिडोर मामले में एडीसी पलवल की प्राथमिक जांच के बाद 8 पटवारी व कानूनगो तथा कंप्यूटर डाटा ऑपरेटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपियों की सेशन कोर्ट पलवल से अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी थी, जिसमें आरोपी पटवारी राजेश भी है। इस पर आरोप है कि उसने दोनों प्रोजेक्टों से अपने आप को तथा अपने परिजन व रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए एक्वायर की हुई जमीन में से 70 एवं 75 कुल 145 गज जमीन अपने माता पिता, भाई,पत्नी एवं बहन के नाम रजिस्ट्री करा दी,जो सभी को रेलवे के अवार्ड अनुसार 5 लाख 50 हजार रुपए, एक सरकारी नौकरी या आजीवन 20 हजार रुपए प्रति माह जमीन मालिक को मिलने थे। लेकिन इसकी शिकायत होने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया।

सेल डीड बरामद करेंगे
डीएसपी ने बताया कि मामले में संलिप्त आरोपी राजेश पटवारी गांव मालवी तहसील जुलाना जिला जींद का रहने वाला है। उसे शुक्रवार को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करके एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। रिमांड अवधि के दौरान आरोपी से उक्त जमीन की असल सेल डीड बरामद किए जाने के प्रयास किए जाएंगे।

अब तक इनकी गिरफ्तारी
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व SIT ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक 4 पटवारी- बलवीर, सुरेश, बाबूलाल तथा विकास , एक डाटा ऑपरेटर- वरुण देव,एक प्रॉपर्टी डीलर- अमर सिंह तथा रीडर एसडीएम सुनील कुमार को गिरफ्तार किया है। जिनसे उक्त घोटाले से संबंधित 23 सेल डीड तथा 3 लाख 31 हजार रुपए बरामद किए जा चुके हैं। घोटाले में अभी कई आरोपी फरार बताए जा रहे हैं।