हांसी रोहतक रेलवे लाइन प्रोजेक्ट के जल्द पूरा होने की उम्मीद, इन जिलों से होकर गुजरेगा रूट

 
हांसी रोहतक रेलवे लाइन प्रोजेक्ट के जल्द पूरा होने की उम्मीद, इन जिलों से होकर गुजरेगा रूट
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सालों से अधर में लटके पड़े हांसी-रोहतक वाया महम रेलवे लाइन प्रोजेक्ट जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। अतिरिक्त उपायुक्त स्वप्रिल रविंद्र पाटिल ने हांसी-महम-रोहतक नई रेलवे लाइन से संबंधित लंबित मामलों का निपटारा करने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आवश्यकदिशा-निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने रेलवे लाइन के निर्माण कार्य को लेकर गांव गढ़ी,सोरखी, बांडा हेडी व ढाणा खुर्द तथा गांव सिंघवा खास व मदनहेडी की भूमि कलेक्टर रेट पर अधिग्रहण करने की बात कही है। उन्होंने भूमि अधिग्रहण एवं अन्य लंबित कार्यों को 31 मई तक की समय सीमा निर्धारित की है। दरअसल रेलवे लाइन के लिए कुछ गांव में अभी तक भूमि अधिग्रहण नहीं की गई थी।


इस रेल लाइन के निर्माण के बाद मात्र डेढ़ घंटे में हिसार से देश की राजधानी दिल्ली का सफर तय हो सकेगा। यही नहीं तीन जिलों को जोड़ने वाली रेल लाइन से क्षेत्र के विकास को पंख लगेंगे। रेलवे द्वारा 2021 तक 68.5 किमी लंबे इस रेल मार्ग के निर्माण को पूरा करने का दावा किया गया था लेकिन साल पूरा होने के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ। अब साल 2022 में निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इस रूट से रेल चलने की उम्मीद है।



2011 में हुई थी घोषणा, 2013 में रखी गई थी आधारशिला

ट्रैक के अलावा रेलवे स्टेशनों का निर्माण भी अभी बाकी है। ट्रैक के मार्ग पर केवल मिट्टी की लेयर बिछाने का काम ही पूरा हो पाया है। बीते कई वर्षों से हांसी-रोहतक रेल लाइन की मांग प्रदेशवासियों द्वारा की जा रही थी। आखिर 9 दिसंबर 2011 को तत्कालीन रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुडा ने इस महत्वपूर्ण रेल लाइन का ऐलान किया था। इसके बाद 31 जुलाई 2013 को हांसी में तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह की अगुवाई में आयोजित रैली में तत्कालीन रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़के ने रेल लाइन की आधारशिला रखी थी। बीते 11 सालों में 3 सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में प्रोजेक्ट अपने अंजाम तक नहीं पहुंचा पाया है। अब विपक्ष में बैठी कांग्रेस भाजपा सरकार पर रेल लाइन के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाती रही है। लेकिन सीएम मनोहर लाल ने हमेशा आरोपों के निराधार बताकर रेल प्रोजेक्ट को लेकर अपनी गंभीरता को जाहिर करते रहे हैं।



तीन जिलों ही नहीं समूचे प्रदेश को होगा लाभ

बेशक ये रेल लाइन हिसार, भिवानी व रोहतक तीन जिलों से होकर गुजरेगी। लेकिन इसका फायदा समूचे प्रदेश को होगा। सिरसा, फतेहाबाद, डबवाली आदि इलाकों से देश की राजधानी से संपर्क सुगम होगा। कुछ घंटे के सफर में कम खर्च पर दिल्ली पहुंचा जा सकेगा। व्यापारिक नजरिये से भी इस रेल लाइन से प्रदेश के बड़े हिस्से को लाभ पहुंचेगा।


प्रोजेक्ट का पूर्ण विवरण

घोषणा वर्ष - 2011

शिलान्यास - 2013

जमीन अधिग्रहण - 2014

आरंभिक लागत - 287 करोड़

वर्तमान लागत - 694 करोड़

राशि मंजूर - 755 करोड़

देरी का कारण - मुआवजा केस व राजनीति

आखिर क्यों हुई देरी

कांग्रेस सरकार ने 2011 में इस रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरु करवाया था। 2013 में 287 करोड़ मंजूर करते हुए शिलान्यास भी किया। लेकिन 2014 के चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई व भाजपा ने प्रदेश में कमान संभाल ली। इसी दौरान कुछ किसानों ने मुआवजा राशि को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। जिससे इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर कई सालों तक ब्रेक लगा रहा। किसान 1 करोड़ प्रति एकड़ का मुआवजा राशि की मांगकर रहे थे। आखिर 2018 मुआवजा संबंधी मामलों का निपटारा होने के बाद रेल लाइन के निर्माण को फिर से रफ्तार मिली। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर इस प्रोजेक्ट को लेकर कई बार भेदभाव करने के आरोप भी लगाए।


50-50 डील पर शुरु हुआ था प्रोजेक्ट

प्रदेश सरकार ने रेल लाइन के लिए रेलवे विभाग को मुफ्त जमीन देने का आश्वासन दिया था। इसके अलावा रेल लाइन बिछाने की कुल लागत का आधा खर्च भी प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाना है। रेल मार्ग के लिए करीब 360 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। जमीन अधिग्रहण में 330.20 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार ने खर्च किए हैं।

68.5 किमी लंबी रेल लाइन पर होंगे 5 स्टेशन


हिसार से हांसी तक पुरानी पटरी पर ही रेल दौड़ेगी। इसके बाद हांसी रेलवे स्टेशन से दो कि.मी दूरी पर हांसी-रोहतक रेल लाइन शुरू होगी। जबकि पुरानी रेल लाइन भिवानी की तरफ जाती है। इस रेल रूट पर कुल 5 स्टेशन होंगे व 20 गांवों के होती हुई रेल रोहतक पहुंचेगी। हांसी के बाद पहले स्टेशन गढ़ी, मदीना, बलंभा, खरकड़ा व रोहतक से पहले बहु-अकबरपुर गांव में स्टेशन होगा।इस रेल मार्ग से हिसार से रोहतक के बीच 20 कि.मी की दूरी कम होगी।