Delhi Rohtak Rapid Metro: हरियाणा के रोहतक से दिल्ली तक चलेगी रैपिड मैट्रो, 160 की स्पीड से सफर होगा सुहावना

दिल्ली से रोहतक तक आवागमन करने वाले यात्रियों को बहुत जल्द ही हाईस्पीड रेल कोरिडोर की सौगात मिलने वाली है।
 
Delhi Rohtak Rapid Metro
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दिल्ली से रोहतक तक आवागमन करने वाले यात्रियों को बहुत जल्द ही हाईस्पीड रेल कोरिडोर की सौगात मिलने वाली है। दिल्ली से वाया बहादुरगढ़ व सांपला से रोहतक के बीच यह रैपिड रेल कोरिडोर बनाया जाएगा। यह कोरिडोर बनने के बाद यहां पर 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलेगी। इस काेरिडोर के बनने से बहादुरगढ़ के लाखों यात्रियों को काफी सुविधा होगी और वे रोहतक-दिल्ली का सफर बड़े ही आरामदायक तरीके से चंद मिनटों में पूरा कर सकेंगे।

यात्री ट्रेन के किराये में हवाई जहाज जैसी यात्रा का आनंद उठा सकेंगे। क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के तहत दिल्ली से रोहतक तक बनने वाले रैपिड रेल कोरिडोर की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बननी शुरू हो गई है। सांसद अरविंद शर्मा की मांग पर हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यातायात निगम (एनसीआरटीसी) की ओर से यह डीपीआर बनानी शुरू की है।

डीपीआर में इस कोरिडोर का एलाइनमेंट, जमीन, स्टेशनों की संख्या, यात्रियों की संख्या, लागत राशि, ऐलिवेटिड व अंडरग्राउंड रेल ट्रैक आदि की पूरी जानकारी होगी। डीपीआर बनने के बाद हरियाणा सरकार की अनुमति मिलने पर इस कोरिडोर के लिए आगामी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल एनसीआरटीसी की ओर से डीपीआर बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है।

46 लाख की घनी आबादी वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में केंद्र सरकार अपना पहला क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) लागू कर रही है। यह दिल्ली और आसपास के कई जिलों को आपसी में जोड़ने का काम करेगा। आरआरटीएस एक रेल आधारित, हाई स्पीड ट्रांजिट सिस्टम है जिसकी डिजाइन गति 180 किमी प्रति घंटा और औसत गति 100 किमी प्रति घंटा है। एक बार चालू होने के बाद यह एनसीआर में परिवहन का सबसे तेज, सबसे आरामदायक और सबसे सुरक्षित तरीका होगा।

इस तरह की उच्च गति वाली निर्बाध कनेक्टिविटी क्षेत्र में संतुलित और सतत शहरी विकास को बढ़ावा देगी। एनसीआर में हाई स्पीड आरआरटीएस लिंक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने आठ कोरिडोर की पहचान की है, जिनमें प्रथम चरण में दिल्ली से मेरठ, दिल्ली से अलवर और दिल्ली से पानीपत हैं, जिन पर काम चल रहा है। ये कोरिडोर नई दिल्ली में सराय काले खां से शुरू होंगे और परिवहन के अन्य साधनों जैसे दिल्ली मेट्रो रेल स्टेशनों, अंतर राज्य बस टर्मिनलो, हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों के साथ सहज एकीकृत भी होंगे। इसके बाद दूसरे चरण में दिल्ली-रोहतक, दिल्ली-पलवल, गाजियाबाद-खुर्जा, गाजियाबाद-हापुड़ और दिल्ली-बड़ौत शामिल हैं।

यह रहेगी रैपिड रेल की विशेषताएं:

- गति: 180 किमी प्रति घंटा, परिचालन–160 किमी प्रति घंटा, औसत–100 किमी प्रति घंटा

- प्रत्येक 5-10 मिनट पर रेलगाड़ी उपलब्ध

- प्रत्येक 5-10 किमी पर ट्रैफिक नोड के लिए सेवा

- खराब मौसम का सेवा पर कोई असर नही

- आरआरटीएस इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टेशन का प्रारूप 9 कोच की गाड़ी के लिए बना है।

रैपिड रेल कोरिडोर के बनने से ये होगा फायदा:

- आरआरटीएस लोगों को दिल्ली के आसपास के शहरों में अधिक खुले स्थानों में बसने और एनसीआर के अन्य शहरों को आपस में जोड़कर यातायात की तेज, विश्वसनीय और सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था प्रदान करेगी।

- परिवहन के वर्तमान साधनों की तुलना में समय की बड़ी बचत होगी।

- आरआरटीएस में श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ निर्देश एवं नियंत्रण प्रणाली का प्रयोग होगा, जिससे एनसीआर के लोगों को सुरक्षित एवं विश्वसनीय परिवहन का विकल्प मिलेगा।

- परिवहन का तेज, आरामदायक और सुविधाजनक साधन होने से आरआरटीएस लोगों में सार्वजनिक परिवहन के प्रति नए नजरिये को बढ़ावा देगा।

- यातायात में समय की बचत से क्षेत्र की सकल कार्य क्षमता में सुधार होगा और पूरे क्षेत्र की आर्थिक गतिविधि सुधरेगी।

- आरआरटीएस एक उच्च-गति की रेल परिवहन सेवा होने के कारण किसी अन्य परिवहन के माध्यम की अपेक्षा प्रति घंटे कई गुणा अधिक लोगों को परिवहन की सुविधा देगी।

- आरआरटीएस रेल सेवा प्रति घंटा प्रति दिशा करीब 70 हजार से 80 हजार लोगों को ले जाने में सक्षम है।

- यह क्षेत्र में बहुमुखी विकास का कारक होगा, जिससे नए आर्थिक केंद्रों का निर्माण होगा, नए बाजार और अवसर खुलेंगे।

- आरआरटीएस से सिर्फ पहले चरण में ही 21 हजार नए रोजगार के सृजन की संभावना हैं।

- आरआरटीएस के प्रत्येक गाड़ी में बिजनेस क्लास कोच की सुविधा होगी ताकि संपन्न वर्ग के लोग भी निजी कार/वाहन के बदले इस रेल सेवा को चुने और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें।

- सार्वजनिक परिवहन की भागीदारी बढ़ने से सडकों पर भीड़ कम होगी जिससे दुर्घटनाएं कम होंगी।

- सड़कों पर वाहन कम होने से प्रदूषण में भी कमी आएगी।

....दिल्ली रोहतक रैपिड रेल कोरिडोर की डीपीआर बनाई जा रही है। जल्द ही डीपीआर बना दी जाएगी। डीपीआर को अगर हरियाणा मंजूरी देगी तो इससे आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह कोरिडोर दूसरे चरण में है। इससे पहले दिल्ली-पानीपत रेल कोरिडोर को बनाने की कार्रवाई की जा रही है।