Haryana Rain: सर्दियों की पहली बारिश से गेहूं और सरसों की अच्छी फसल की बढ़ी उम्मीद, फसलों के स्वास्थ्य में हुआ सुधार
पंजाब के पटियाला, जालंधर, लुधियाना और मुक्तसर तथा हरियाणा के हिसार, जींद, महेंद्रगढ़, सिरसा, सोनीपत और पानीपत जैसे जिलों में लगातार बारिश हुई। बूंदाबांदी ने न केवल हाल ही में बोई गई फसलों को आवश्यक नमी प्रदान की, बल्कि पत्तियों से धूल के कणों को साफ करने में भी मदद की, जिससे उनकी सेहत में सुधार हुआ।
फसलों के लिए फायदेमंद रही बारिश
लुधियाना के गहौर गांव के किसान अमरीक सिंह ने कहा कि आज हुई बारिश फसल को हरा-भरा और स्वस्थ रखने के लिए बिल्कुल सही है। सनौर के जसपाल सिंह ने भी उनकी भावनाओं को दोहराते हुए कहा कि गेहूं को बहुत अधिक पानी की जरूरत नहीं होती, इसलिए इस तरह की थोड़ी सी बारिश सही है।
हिसार के सुंडावास के युवा किसान नवीन नेहरा, जिन्होंने सरसों और गेहूं की फसल बोई है, राहत की सांस लेते हुए बताया कि सरसों की फसल करीब 2 महीने पुरानी हो चुकी है और गेहूं को पहली सिंचाई की जरूरत है। यह बारिश दोनों फसलों के लिए फायदेमंद है।
आलू की फसल को हो सकता है नुकसान
वहीं, दोआबा क्षेत्र के आलू किसानों ने मिश्रित भावनाएं व्यक्त कीं। हालांकि बूंदाबांदी से तत्काल कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अगर बारिश जारी रही, तो सड़न और झुलसा रोग की संभावना के बारे में चिंता जताई गई।
आलू के एक प्रमुख किसान जसविंदर संघा ने कहा कि अगर और बारिश हुई, तो इससे फसल सड़ सकती है और झुलसा रोग हो सकता है। आने वाले दिनों में धूप खिलने से अच्छी पैदावार सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। सरसों जैसी अन्य फसलों को भी लाभ मिलने की उम्मीद है। मुक्तसर के किसान गुरनाम सिंह ने कहा कि बारिश की बहुत ज़रूरत थी, क्योंकि जिले में अक्टूबर से बारिश नहीं हुई है।
आने वाले दिनों में गिरेगा तापमान
बठिंडा स्थित पीएयू के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सुबह 8.4 मिमी और दोपहर में 10.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। बठिंडा स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. करमजीत सिंह सेखों ने कहा कि गेहूं की फसल को पाले से नुकसान हो रहा था, लेकिन इस बारिश ने प्राकृतिक उपचार का काम किया है। ठंड का मौसम गेहूं के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. मदन लाल खीचर के अनुसार, हरियाणा में हिसार में 8-10 मिमी बारिश हुई। उन्होंने कहा कि अगले 72 घंटों में पूरे हरियाणा में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की उम्मीद है, जिससे खासकर सुबह और रात के समय ठंड बढ़ेगी। किसान आशावादी हैं कि ये परिस्थितियां अच्छी रबी फसल का मार्ग प्रशस्त करेंगी।