ड्राइविंग लाइसेंस का बदल रहा है तरीका, अब QR कोड बेस्ड DL और RC होगा जारी, जानिये क्या है नई योजना

 
driving licence 13 oct 2021
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Chopal Tv, New Delhi

ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर बड़ी खबर आ रही है। दिल्ली परिवहन विभाग जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए क्यूआर कोड आधारित स्मार्ट कार्ड जारी करेगा।

नए ड्राइविंग लाइसेंस में क्विक रिस्पांस कोड और नियर फील्ड कम्युनिकेशन जैसी सुविधाओं के साथ एक उन्नत माइक्रोचिप होगी। नई आरसी में मालिक का नाम सामने की तरफ छपा होगा, जबकि माइक्रोचिप और क्यूआर कोड कार्ड के पीछे एम्बेडेड किया जाएगा।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अक्टूबर 2018 में अधिसूचना जारी कर ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र में बदलाव का दिशा निर्देश जारी किया था। और अब नए स्मार्ट कार्ड आधारित डीएल और आरसी में चिप आधारित/क्यूआर कोड आधारित पहचान प्रणाली होगी।

क्या होंगे फायदे ?

  • क्यूआर आधारित स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण से सम्बंधित सभी जानकारी को वेब आधारित डेटाबेस-सारथी और वाहन के साथ जोड़ने और एकीकृत करने में सहायक सिद्ध होगा।
  • क्यूआर कोड रीडर आसानी से प्राप्त किया जा सकता है जिससे कार्ड में स्टोर्ड जानकारी को आसानी से रीड किया जा सकता है।
  • नए कार्ड पॉलीविनाइल क्लोराइड या पीवीसी या पॉली कार्बोनेट से बने होंगे जिनसे इनका टिकाऊपन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
  • कार्ड का आकार 85.6 मिमी x 54.02 मिमी और मोटाई न्यूनतम 0.7 मिमी तय की गई है।
  • क्यूआर कोड का स्मार्ट कार्ड पर सुरक्षा फीचर के रूप में कार्य करने का एक अतिरिक्त लाभ भी है।

कैसे करेगा काम

क्यूआर कोड के बाद स्मार्ट कार्ड चालक/मालिक का स्मार्ट कार्ड जब्त होते ही विभाग के वाहन डेटाबेस पर ऑटोमेटिकली डीएल धारक के जुर्माने से सम्बंधित और अन्य जानकारियां 10 साल तक संचित रह सकेंगी।

दिल्ली सरकार अपने सभी ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक्स में सुधार करने और नए ट्रैक जोड़ने की प्रक्रिया में भी है। इसके लिए मयूर विहार, शाहदरा, नरेला, पूसा, जेल रोड, जाफरपुर और आईजीडीटीयूडब्ल्यू कश्मीरी गेट पर जमीन की पहचान कर ली गई है।

स्मार्ट कार्ड की छपाई और ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक्स के प्रबंधन के लिए एक समर्पित परियोजना प्रबंधन टीम भी बनाई गई है, जिसकी निगरानी जिला परिवहन अधिकारी और मोटर वाहन निरीक्षक करेंगे।