New Rule: सोना और बीमा के नियमों में सरकार कर रही है बदलाव, जानिए कैसे होंगे आपके लिए फायदेमंद

 
New Rule: सोना और बीमा के नियमों में सरकार कर रही है बदलाव, जानिए कैसे होंगे आपके लिए फायदेमंद 
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New Rule For Gold And Insurance: केंद्र सरकार स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (जीएमएस) में चरणबद्ध तरीके से बदलाव की योजना बना रही है। इसके तहत बैंकों में रखे जाने वाले सोने की मात्रा को घटाकर पांच ग्राम किया जा सकता है। अभी कम से कम 10 सोना बैंक में रखना पड़ता है।

केंद्र सरकार ने लोगों को घरों में निष्क्रिय पड़े सोने से कमाई करने के मकसद से इस योजना को शुरू किया था। योजना के तहत बैंक में सोना रखने वालों को ब्याज मिलती है। बीते कुछ वर्षों में इस योजना के तहत बैंक में सोना रखने वालों की संख्या में सुधार हुआ है। हालांकि, अभी भी बड़ी संख्या में लोग इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।

इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार पहले चरण में बैंक में रखे जाने वाले सोने की मात्रा को 10 ग्राम से घटाकर पांच ग्राम कर सकती है। आने वाले वर्षों में इस मात्रा को घटाकर एक ग्राम या इससे कम किया जा सकता है। पहले इस योजना में कम से कम 30 ग्राम सोना बैंक में रखने का प्रावधान था, जिसे पिछले वर्ष ही घटाकर 10 ग्राम किया गया था।

जानकारों का कहना है कि मौजूदा सीमा के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि ग्रामीण आबादी के पास देश का सबसे ज्यादा सोना है। अनुमान के मुताबिक, ग्रामीण आबादी के पास करीब 25 हजार टन या 1.6 लाख करोड़ डॉलर का सोना है। योजना के तहत जो लोग 50 से 100 ग्राम सोना बैंकों में रखना चाहते हैं उनसे कर अधिकारी कोई सवाल नहीं कर सकते हैं।
एक ही बीमा में मिलेगी सभी तरह की सुरक्षा

आने वाले समय में आपको एक ही बीमा उत्पाद में सभी तरह की सुविधाएं मिल सकती हैं। दरअसल, बीमा उत्पादों की पहुंच बढ़ाने और सुरक्षा दायरा बढ़ाने के मकसद से बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक पैनल का गठन किया था। इस पैनल ने 14 माइक्रो कॉम्बी बीमा उत्पादों का सुझाव दिया है। इन सभी बीमा उत्पादों में जीवन, गैर-जीवन और स्वास्थ्य बीमा का संयोजन बनाया गया है। ग्राहक अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार, इनमें से कोई भी बीमा उत्पाद खरीद सकता है। हालांकि, सभी बीमा उत्पादों में एक जीवन, एक गैर-जीवन और एक स्वास्थ्य बीमा अनिवार्य होगा।

इरडा के पैनल ने सुझाव दिया है कि बीमा कंपनियां इन उत्पादों को समूह या व्यक्तिगत उत्पाद के तौर पर पेश कर सकती हैं। साथ ही सभी जोखिमों के प्रीमियम घटकों का बिक्री-पूर्व और बिक्री-पश्चात दोनों चरणों में अलग-अलग उल्लेख किया जाएगा। स्वास्थ्य और व्यक्तिगत बीमा का दायरा पॉलिसीधारक के परिवार तक बढ़ाया जा सकता है। पॉलिसी की समाप्ति पर यदि पॉलिसीधारक कॉम्बी उत्पाद का नवीनीकरण नहीं करना चाहता है तो वह जीवन, साधारण या स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का चयन करने के लिए स्वतंत्र होगा।