सोनीपत के इस छोरे ने विदेश मंत्रालय की नौकरी छोड़ किया ऐसा काम, हर जगह हो रही वाहवाही

 
सोनीपत के इस छोरे ने विदेश मंत्रालय की नौकरी छोड़ किया ऐसा काम, हर जगह हो रही वाहवाही
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नाहरी गांव आजकल लगता है सितारे की पैदा कर रहा है, पहले पहलवान रवि दहिया ने ओलंपिक में मेडल हासिल कर बहुत सुर्खियां बटौरी थी. लेकिन गांव का नाम आज कल एक वजह और से चर्चा में है.

विदेश मंत्रालय में नौकरी कर रहे इस युवक को अचानक न जानें क्या सुझा के अपनी राह ही बदल ली. विजेता दहिया ने कभी नहीं सोचा होगा की जो वो करने जा रहा है वह एक दिन इतना फेमस होगा की सब लोग उसकी तारीफ करेंगे.

असल में विजेता ने विदेश मंत्रालय की नौकरी छोड़कर कुछ हटकर करने का फैसला किया और उसने सिनेमा को अपनी राह बनाया. विजेता ने लेखन और डायरेक्शन को अपना पेशा बनाया.

विजेता दहिया एक ऐसी कहानी लिखना और गढना चाहते थे जो सबसे हट के हो औऱ हुआ भी ऐसा ही. विजेता दहिया द्वारा लिखित और रचित फिल्म 'दरारें' ओटीटी स्पेस एमएक्स प्लेयर पर खूब वाहवाही लूट रही है. इसी महीने रिलीज हुई फिल्म की सराहना हरियाणा से संबंध रखने वाला हर कोई इसकी तारीफ कर रहा है.

असल में हरियाणा में सिनेमा मरता जा रहा है तो यह फिल्म उस अधेंरे में दिए के समान साबित हो रही. इस फिल्म में बतैर एक्टर काम करने वाले विजेता दहिया के कारण इस फिल्म ने पूरे भारत के कंटेंट से मुकाबला करते हुए पापुलर कंटेंट की श्रेणी में जगह हासिल की है.

बता दें कि यह फिल्म हरियाणा के एक किसान परिवार पर आधारित है जो परिवार के टूटने के कारण और उससे उपजे दर्द को बंया करता है. इस किरदार में तीन भाई हैं, बडे़ भाई-भाभी ने दोनों छोटे भाइयों को लाड़-प्यार से बडा़ किया, लेकिन अब जब वे बडे़ हो गए हैं, नौकरी कर रहे हैं, शादी हो गई है, तो घर में दरारें आने लगी हैं. इसी को सोच कर फिल्म का नाम भी दरारें रखा गया है.

बता दें कि विजेता दहिया ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से पढाई की है और बाद में एसएससी सीजीएलई की परीक्षा पास कर विदेश मंत्रालय में असिस्टेंट सेक्शन अफसर की नौकरी पाई थी.