Success Story: झुग्गी बस्ती में पली बढ़ी इस लड़की ने पहले प्रयास में क्रैक किया UPSC, ऐसे बनी IAS अफसर
IAS Success Story: कहते हैं कि अगर इंसान के अंदर दृढ़ निश्चय हो और कुछ कर गुजरने का जब्बा हो तो सफलता उसके कदम चूमती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है राजस्थान के पाली मारवाड़ की उम्मुल खेर ने। यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करने वाली उम्मुल खेर की कहानी संघर्ष और प्रेरणा से भरी हुई है।
कौन है IAS उम्मुल खेर ?
उम्मुल खेर का जन्म राजस्थान के पाली मारवाड़ के एक गांव हुआ। वह एक ऐसी बीमारी से पीड़ित थीं, जिसमें बच्चों की हड्डियां बहुत नाजुक होती हैं। इसके कारण, वह अक्सर गिरती थीं और उनकी हड्डियां टूट जाती थीं।
उन्हें 28 साल की उम्र तक 15 से अधिक बार फ्रैक्चर हुआ था। उम्मुल ने अपना बचपन दिल्ली के निजामुद्दीन के झुग्गी में बिताया था। वह झुग्गी उनका घर था। इतनी मुश्किलें झेलने के बाद भी उनके अंदर कुछ कर गुजर जाने का जज्बा था। इसीलिए उन्होंने अपने पढ़ाई पर ध्यान दिया और UPSC परीक्षा दी।
झुग्गी झोपड़ी में रहती थी उम्मुल खेर
उम्मुल खेर बहुत छोटी थीं तो उनके पिता गुजर-बसर करने के लिए दिल्ली आ गए थे। दिल्ली आने के बाद उनके पिता की जिंदगी मुश्किलों से भर दी थी। फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और फेरी लगाकर अपना और अपने परिवार का पेट भरा।
उनकी कमाई बहुत कम थी, जिस वजह से वह दिल्ली निजामुद्दी में स्थित झुग्गी झोपड़ी में रहते थे। झुग्गी झोपड़ी में रहकर उम्मुल खेर और उनके परिवार को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा। लेकिन उनके परिवार की इससे भी बुरा समय आया था जब 2001 में यहां की झुग्गियों को उजाड़ दिया था। जिससे वह बेघर हो गए थे।
16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरी करवा चुकी है उम्मुल खेर
बोन फ्रेजाइल बीमारी से पीड़ित होने की वजह से उनकी हड्डियां बहुत कमजोर थी। जिससे कई बार उनकी हड्डियां टूट जाती थी। उन्हों 16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरियों को झेला है। साल 2014 में उम्मुल का चयन जापान के इंटरनेशनल लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए हुआ था। वह ऐसी चौथी भारतीय थी जिनका सिलेक्शन इस प्रोग्राम के लिए हुआ था। एमफिल के बाद उम्मुल ने जेआरएफ भी क्लियर कर लिया था।
पहले प्रयास में UPSC क्रैक किया
JRF के साथ उम्मुल ने आईएएस बनने की तैयारी जारी रखी। उन्होंने UPSC की कठिन परीक्षा में 420वीं रैंक हासिल की थी। इसके साथ उन्होंने पहले ही प्रयास में इतनी कठिन परीक्षा को पास कर लिया था। आज वह एक कामयाब आईएएस ऑफिसर हैं और करोड़ों लोगों को प्रेरणा देती हैं।