भारतीय शिक्षा प्रणाली में देखने को मिल रहा है बड़ा बदलाव, अब एआई के अनुसार बदलेगा उच्च शिक्षा में करिकुलम

2025 में एआई एजेंट्स अहम भूमिका निभाएंगे। ये सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स होते हैं और डेटा और एल्गोरिद्म के आधार पर खुद फैसला लेने
में सक्षम होते हैं। ये ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, फाइनेंस और गेमिंग जैसे क्षेत्रों में इस्तेमाल किए जाते हैं। ये अपने आप सोचने में सक्षम हैं।
एजुकेशन में बढ़ा रहा AI का इस्तेमाल
एजुकेशन में एआई का इस्तेमाल हर साल 47.5% तक बढ़ रहा है। इससे लर्निंग इकोसिस्टम में बड़ा बदलाव आ रहा है। टीचर्स अब स्टूडेंट्स से कनेक्शन बनाने पर फोकस कर सकते हैं, इससे स्टूडेंट्स की ग्रोथ बढ़ेगी।
एआई एजेंट इस तरह से बनाए गए गए हैं हैं कि कि वे किसी छात्र के वर्तमान नॉलेज लेवल को समझ कर उसके अनुसार उत्तर दें, जिससे सीखने की प्रक्रिया सरल हो सके।
प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स जैसे जॉब्स डिमांड में
बड़े बिजनेस, एआई को तेजी से अपना रहे हैं। सॉफ्टवेयर बनाने और बिजनेस एनालिसिस जैसे क्षेत्रों में अब टास्क छोटी टीम्स और एआई से पूरे होंगे। इससे एआई एजेंट डेवलपर्स, एथिसिस्ट और प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स जैसे जॉब रोल्स पैदा होंगे। भविष्य में एआई ट्रेनर्स, मॉडल्स को बड़े डेटा की मदद से बेहतर कर सकते हैं।
मांग में हैं विशेषज्ञता आधारित कोर्सेज
भारतीय एजुकेशन के करिकुलम में भी कई बदलाव देखे जा सकते हैं। पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा मैनेजमेंट कोर्सेज ऐसे प्रोफेशनल्स तैयार कर रहा है जो एआई एजेंट डेवलपमेंट के विशेषज्ञ हों। एआई ड्रिवन बिजनेस स्ट्रैटेजीज जैसे कोर्सेज की मांग बढ़ रही है।