Brother Murder: आशिक के साथ मिलकर बहन ने भाई को दी दर्दनाक मौत, कमरे में दफना दी लाश, ऐसे हुआ खूनी साजिश का खुलासा
झारखंड का ये इलाका आम तौर पर शांत ही रहता है लेकिन उस रोज पतरातू के पंच मंदिर इलाके के एक मकान में मजिस्ट्रेट, पुलिस, फोरेंसिक टीम समेत अच्छा-खासा सरकारी अमला मौजूद था. मजिस्ट्रेट और पुलिस की निगरानी में मजदूर मकान के एक कमरे में फर्श तोड़ रहे थे. इसके बाद वे ज़मीन की खुदाई करने में जुट गए थे और तकरीबन दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद खुदाई का काम पूरा हुआ और कमरे की जमीन में जो मंजर दिखा, वो हैरान करनेवाला था.
हैरत में पड़ गए लोग
जी हां, कमरे के अंदर जमीन के नीचे से एक लाश बरामद हुई. बुरी तरह सड़ी-गली एक इंसान की लाश. लेकिन आखिर ये कैसे मुमकिन था? एक रिहायशी इलाके में, एक मकान के अंदर, वो भी जहां लोग रहते हों, वहां भला किसी की लाश कैसे दफनाई जा सकती थी? तो जब इल लाश और इस मौत का रहस्य खुला, तो पतरातू क्या, पूरे झारखंड के लोग हैरत में पड़ गए.
30 जून को गायब हुआ था रोहित
इस कहानी की शुरुआत होती है 24 जून 2022 से. यही वो तारीख है जब पतरातू के बरतुआ गांव का रहनेवाला 21 साल का नौजवान रोहित कुमार अपने घर से रांची अपने मामा के घर जाने के लिए निकला था. वो करीब हफ्ते भर वहां रहा भी, लेकिन फिर अचानक 30 जून 2022 को वो रहस्यमयी तरीके से कहीं गायब हो गया. 30 जून को ही उसका मोबाइल फ़ोन कुछ ऐसे स्विच ऑफ हुआ कि फिर दोबारा चालू नहीं हुआ.
पुलिस ने नहीं लिया कोई एक्शन
उधर, घरवाले रोहित को ढूंढ-ढूंढकर परेशान हो गए. इसके बाद रांची के रिश्तेदारों ने पतरातू में रहनेवाले उसके माता-पिता को उनके बेटे के अचानक गायब हो जाने की खबर दी. जिसके बाद रोहित के पिता नरेश महतो ने पहले पतरातू पुलिस से अपने बेटे की गुमशुदगी की शिकायत की, लेकिन पुलिस ने इसे रांची का मामला बताते हुए इस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी. इसके बाद दिन, हफ्ते और फिर महीने गुज़रते रहे, लेकिन रोहित का कुछ पता नहीं चला और ना ही पुलिस ने कोई कार्रवाई की.
आखिरी बार बहन से हुई थी बात
हार कर घरवालों ने अब रांची के चुटिया थाने में रोहित के गायब होने की रिपोर्ट लिखवाई, जहां से वो गायब हुआ था. लेकिन जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, तो उसकी जांच भी रांची के चांदनी चौक बस अड्डे तक पहुंच कर ठहर गई. क्योंकि रोहित का मोबाइल फोन चांदनी चौक बस स्टैंड तक तो चल रहा था, लेकिन इसके बाद उसका फ़ोन स्विच ऑफ हो चुका था. ऐसे में पुलिस ने रोहित के मोबाइल फोन की सीडीआर यानी कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकलवाई और उसकी जांच शुरू की.
भाई को तलाशने की फरियाद
लेकिन उससे भी पुलिस को कोई खास लीड नहीं मिली, सिवाय इस बात के कि उस रोज़ उसकी आखिरी बार अपनी बहन चंचला कुमारी से बात हुई थी. पतरातू की रहनेवाली चंचला भी खुद अपने भाई की इस रहस्यमयी गुमशुदगी से बहुत हैरान थी और पुलिसवालों से किसी भी कीमत पर अपने भाई को ढूंढ निकालने की फरियाद कर रही थी.
पता चली बहन के अफेयर की बात
पुलिस को लाख कोशिश के बावजूद ना तो रोहित का कुछ पता चल रहा था और ना ही उसकी गुमशुदगी के पीछे कोई दुश्मनी, रुपये-पैसों का लेन-देन जैसी कोई वजह समझ में आ रही थी. अब पुलिस ने उनके पूरे परिवार के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी. इस कोशिश में पुलिस को पता चला कि रोहित की बड़ी बहन चंचला कुमारी का एक मुस्लिम लड़के से अफ़ेयर है, जिसका रोहित विरोध करता रहा है.
चंचला ने कबूला अपना जुर्म
इस बात को लेकर पुलिस के शक की सुई चंचला की तरफ घूम गई. अब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ करने के साथ-साथ उसकी सीडीआर की जांच की. और आपको जानकर हैरानी होगी कि रोहित के गायब होनेवाले दिन चंचला खुद पतरातू से रांची के चांदनी चौक बस स्टैंड पर उसे लेने पहुंची थी. पुलिस ने जब इन सबूतों के साथ चंचला को घेरा, तो वो टूट गई और उसने अपना जुर्म कबूल लिया.
ब्वॉयफेंड के साथ मिलकर ठिकाने लगाई भाई की लाश
रोहित की बहन चंचला ने पुलिस को बताया कि वही साजिशन अपने भाई को पहले रांची से पतरातू लेकर गई, फिर उसके खाने में नींद की गोलियां मिला कर उसकी जान ले ली. इसके बाद दो दिनों तक अपने ब्वॉयफेंड इसरायल अंसारी के साथ मिलकर वो लाश निपटाने की जुगत लगाते रही. फिर अपने सरकारी क्वार्टर के एक कमरे में गड्ढा खोदा और उसी में अपने भाई की लाश दफ्ना दी.
पतरातू में जाकर खुला कत्ल का राज़
भाई को जमीन में दफन करने के बाद चंचला पूरे डेढ महीने तक उसी घर में रही, लेकिन किसी को कानों-कान इस बात की ख़बर तक नहीं हुई. ये राज़ शायद बाहर भी नहीं आता अगर रांची पुलिस रोहित की गुमशुदगी की तफ्तीश करती हुई, पतरातू नहीं पहुंचती. इसी लिए कहते हैं कि अपराधी चाहे जितना भी शातिर हो, एक ना एक दिन वो कानून के शिंकजे में आ ही जाता है. पुलिस ने चंचला और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.