UP Police IPS Manilal Surrendered: दो साल से फरार चल रहे आईपीएस मणिलाल ने किया सरेन्डर, पुलिस ने रखा था इतना इनाम
उत्तर प्रदेश के फरार आईपीएस मणिलाल पाटीदार (IPS Manilal Patidar) ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। तत्कालीन एसएसपी मणिलाल पाटीदार महोबा के स्टोन क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में दो साल से फरार चल रहे थे। फरार पाटीदार को लेकर दो साल से लेकर योगी सरकार पर भी सवाल खड़े हो रहे थे। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भी विपक्ष मणिलाल पाटीदार को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साध रहा था।
वहीं यूपी पुलिस भी अपने फरार आईपीएस को दो साल तक लगातार कई कोशिश के बाद भी गिरफ्तार नहीं कर पाई। जबकि पाटीदार पर 50 हजार से ईनाम बढ़ाकर 1 लाख भी किया गया था और हाल में ही यूपी पुलिस फिर से ईमान बढ़ाने की तैयारी कर रही थी। इसी बीच शनिवार को कोर्ट में पाटीदार के सरेंडर करने की खबर सामने आई। प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने इससे पहले पाटीदार को बर्खास्त करने के लिए केंद्र को सिफारिश भेजी थी।
मणिलाल पाटीदार ने शनिवार को एडीजे कोर्ट में सरेंडर कर दिया और उत्तर प्रदेश पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। यूपी पुलिस पिछले दो साल से यूपी, राजस्थान समेत कई जगहों पर छापेमारी कर चुकी है। यहां तक चर्चा है कि यूपी पुलिस ने राजस्थान पुलिस की भी मदद ली थी। पिछले साल राजस्थान के डूंगरपुर स्थित मणिलाल पाटीदार के घर कुर्की की कार्रवाई भी की गई।
इसके बाद भी यूपी पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा। सरकार की तरफ से भी पिछले दो सालों में इस केस में काफी दबाव रहा। हालांकि यूपी पुलिस पाटीदार को गिरफ्तार करने में नाकाम रही। दूसरी तरफ अचानक दो साल बाद शनिवार को फरार आईपीएस मणिलाल पाटीदार ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
मणिलाल पाटीदार से जुड़ा क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के महोबा के स्टोन क्रशन कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने 7 सितंबर 2020 को एसएसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ एक वीडियो रिकॉर्ड किया था।इंद्राकांत ने 6 लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए वीडियो सीएम योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन यूपी डीजीपी को भेजा था। 8 सितंबर को इंद्रकांत अपनी कार में जख्मी हालत मिले, उनके गर्दन में पीछे की तरफ से गोली लगी थी।
इसके बाद पाटीदार पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया। 13 सितंबर 2022 को इंद्रकांत की इलाज के दौरान मौत हो गई। तब मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप) में केस दर्ज किया गया। इसके बाद से ही सस्पेंड तत्कालीन महोबा एसएसपी मणिलाल पाटीदार फरार हो गए।