बड़े घरों की औरतों को खुश करने के बदले मोटी रकम का लालच देकर करते थे ऐसा काम, जानिये क्या है ये मामला

 
बड़े घरों की औरतों को खुश करने के बदले मोटी रकम का लालच देकर करते थे ऐसा काम, जानिये क्या है ये मामला
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पुलिस टीम ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो कि बड़े घरों की औरतों को खुश करने पर मोटी रकम दिलवाने का लालच देकर युवाओं से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गैंग के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

लहेरी थाना पुलिस ने पांच ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो पुरुषों को मेल प्रास्टिट्यूशन में लाने और जिगोलो क्लब का सदस्य बनाने के नाम पर ठगी करते थे। पुलिस ने शिकायत मिलने पर मामले की जांच की और इसके बाद आरोपी के ठिकाने पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया।

शनिवार को प्रेस वार्ता में डीएसपी मो.डा. शिब्ली नोमानी ने बताया कि एसपी को सूचना मिली कि लहेरी थाना क्षेत्र के भरावपर निवासी धर्मेंद्र कुमार के मकान में ठगी का खेल चल रहा है। सूचना मिलते ही घर पर छापेमारी कर पांच बदमाशों को 23 मोबाइल, 31 हजार नकद व चार एटीएम कार्ड के साथ गिरफ्तार कर लिया।

वेबसाइट के जरिए बनाते थे शिकार
कतरीसराय निवासी पिंटू कुमार, गिरियक थाना क्षेत्र के सकुचीसराय निवासी मुकेश कुमार, शेखपुरा जिला के शेखोपुरसराय निवासी गौतम कुमार, नवादा जिला के पकड़ीबरामा निवासी किशोर कुमार व कतरीसराय निवासी लक्ष्मण कुमार है।

ये लोग इंडियन स्काट सर्विस काल बाय जाब आनलाइन सर्विस एंड इंडियन स्काट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक वेबसाइट चला रहा था और जिगोलो क्लब ज्वाइन करने व रजिस्ट्रेशन के नाम पर लोगों से ठगी कर रहा था। छापेमारी में थानाध्यक्ष सुबोध कुमार, दरोगा राकेश कुमार, शैलेश कुमार झा के अलावा पुलिस बल के जवान शामिल थे।

डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार बदमाश बेरोजगार युवाओं को बड़े घरानों की औरतों को खुश करने के बदले में मोटी रकम का लालच देकर ठगी कर रहा था। ये इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों को निशाना बनाते थे और जिगोलो बनने का आफर देते थे। इसके बदले में वह रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर लाखों की ठगी करते थे। शिकायत मिलने पर पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।

डीएसपी ने बताया कि जो लोग इस गैंग के झांसे में आ जाते हैं उन्हें ये वन टाइम रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा जाता था जिसके लिए ये संबंधित युवक को मैसेज के जरिए एक बैंक अकाउंट नंबर देते हैं और उसमें हजारों रुपये ट्रांसफर कराने को कहते। रुपया ट्रांसफर होते ही ये पीड़‍ितों के नंबर ब्लाक कर देते थे।