Chattisgarh Coal Scam: विभिन्न पदों पर रहते हुए आईएएस समीर बिश्नोई के नाम दर्ज हैं कई भ्रष्ट कारनामे, देखिए पूरी जानकारी
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छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय ने कोयले के व्यापार में बड़ी कार्रवाई की है। इस दौरान वित्तीय एजेंसी ने आईएएस समीर बिश्नोई, व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, इंद्रमणि ग्रुप के सुनील अग्रवाल करते हुए, आईएएस रानू साहू, आईएएस जेपी मौर्य और एक पूर्व विधायक सहित 15 लोगों को आरोपी बनाते हुए शिकायत दर्ज की है। आज इन सभी की अदालत में पेशी कर रिमांड मांगी जाएगी।
ईडी की कितनी बड़ी कार्रवाई और 3 आईएएस अधिकारियों के इस भ्रष्टाचार में लिप्त होने के बाद राज्य के प्रशासनिक विभाग में बड़ा हड़कंप मच गया है। केंद्रीय एजेंसी ने बिश्नोई, साहू, मौर्य, अग्रवाल और पूर्व विधायक के साथ-साथ अन्य आरोपियों को हिरासत में ले लिया है जबकि व्यापारी तिवारी फरार चल रहे हैं।
हालांकि, ईडी ने सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। छापेमारी के दौरान एजेंसी को अलग-अलग ठिकानों से 4 करोड़ रुपए का कैश और जेवरात के साथ-साथ निवेश,खनन और प्रॉपर्टी से जुड़े कई दस्तावेज भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि आईएएस अधिकारी जेपी मौर्य और रानू साहू भी गायब चल रहे हैं। लेकिन रानू ने एजेंसी को पत्र के जरिए जांच में सहयोग का भरोसा दिया है।
विवादों से रहा है बिश्नोई का पुराना नाता
दरअसल, आईएस समीर बिश्नोई से जुड़ा या कोई पहला मामला नहीं है। 2009 बैच के बिश्नोई पहले भी कई तरह की गड़बड़ियों में लिप्त पाए गए हैं, जिसमें कोंडागांव में कलेक्टर, बीज निगम में एमडी और वर्तमान में चिप्स में सीईओ के पद पर रहते हुए उनकी नाक के नीचे हुईं गड़बड़ियां शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि इसमें बिश्नोई का पूरा पूरा हाथ रहा है। इसीलिए एजेंसी ने सबसे पहले उनके गिरेबान पर हाथ डाला और अपना शिकार बना लिया।
दूसरी तरफ ईडी ने समीर की पत्नी से भी पूछताछ की है, लेकिन उन्हें थोड़ी देर बाद ही छोड़ दिया गया। समीर और उनकी पत्नी से पूछताछ ईडी ने पूर्व विधायक और लक्ष्मीकांत तिवारी के साथ ही की थी, जिसके बाद पत्नी के जवाबों से संतुष्ट उन्हें छोड़ दिया गया और भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया। बता दें कि सुनील अग्रवाल लंबे समय से कोयले की हेराफेरी के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी के निशाने पर थे।