Haryana News: हरियाणा में चार रिश्वतखोर कर्मचारी रंगे हाथों पकड़े, देखिए पूरी जानकारी

 
Haryana News: हरियाणा में चार रिश्वतखोर कर्मचारी रंगे हाथों पकड़े, देखिए पूरी जानकारी
WhatsApp Group Join Now

हरियाणा स्टेट विजिलेंस विभाग सूबे में इन दिनों भ्रष्टाचारियों की धरपकड़ अभियान चला रही है। बुधवार को राज्य सतर्कता विभाग ने अलग अलग मामलों में कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनमें एक जेई, एक पटवारी, ट्रेज़री विभाग में एक क्लर्क और बिजली विभाग में एक महिला एसडीओ को गिरफ्तार किया है।

ट्रांसफार्मर ठीक करवाने के लिए मांगे 1500

पहला मामला हरियाणा के कैथल का है। यहां पूंडरी बिजली विभाग कार्यालय में तैनात जेई दिनेश कुमार को 1500 रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। दिनेश पर आरोप है कि उसने नैना गांव निवासी नरेंद्र सिंह के खेत में जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलवाने के लिए पहले तो उन्हें कई चक्कर लगवाए और आखिर में कहा कि ट्रांसफार्मर पेहवा स्टोर से मंगवाना पड़ेगा। दिनेश ने नरेंद्र से यह कहते हुए पैसे मांगे की पेहवा स्टोर के जेई को देना पड़ेगा। इसकी शिकायत नरेंद्र ने सतर्कता विभाग में दी। विभाग के अधिकारियों के बताए रास्ते पर चलकर नरेंद्र ने दिनेश को पैसे दिए और विजिलेंस विभाग ने 1500 रुपयों के साथ उसे पकड़ लिया। वे 1500 रुपयों में मिले नोट नरेंद्र ने ही दिए हैं, इसकी पुष्टि के लिए विजिलेंस विभाग ने उस पर रंग लगाए थे और नंबर नोट कर लिया था।

करनाल में ट्रेज़री विभाग का क्लर्क और बिजली विभाग की एसडीओ

इसी क्रम में विजिलेंस विभाग की टीम करनाल पहुंची, जहां से ट्रेजरी विभाग के एक क्लर्क और बिजली विभाग की एक महिला एसडीओ को गिरफ्तार किया। ट्रेजरी विभाग क्लर्क पर शिकायतकर्ता विकास ने आरोप लगाया कि जब वह अपने पिता की पेंशन और ग्रेच्युटी के पैसे निकलवाने के लिए ट्रेजरी विभाग गया तो वहां क्लर्क राजकुमार ने बदले में उससे रिश्वत मांगी, जिसकी शिकायत विकास ने सतर्कता विभाग को दी थी।

इसके अलावा पहले से गिरफ्तार एचएसवीपी विभाग के प्रद्युम्न सिंह ने विजिलेंस विभाग को एसडीओ शशिबाला के भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने का खुलासा किया था, जिसके बाद इस महिला एसडीओ को भी गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल कोर्ट ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

पानीपत में पटवारी को 45 हजार रिश्वत लेते पकड़ा

जिले के लघु सचिवालय से एक पटवारी संदीप को 45 हजार की रिश्वत समेत रंगे हाथों पकड़ा है। पटवारी पर किसान से जमीन अधिग्रहण के मुआवजे की फाइल तैयार करने की एवज में पैसे मांगने का आरोप है। शिकायतकर्ता ने विजिलेंस विभाग को दी गई अपनी शिकायत में कहा था कि 2012 में उनकी जमीन एनएचआई ने अधिग्रहण कर ली थी। ये जमीन चार भाइयों की थी। उक्त मामले में सरकार से 4.48 लाख रुपये का मुआवजा मिलना था। जिसकी फाइल पटवारी संदीप को तैयार करनी थी। लेकिन संदीप ने बदले में किसान से कुल मुआवजे का 10% हिस्सा मांगा। इसकी शिकायत किसान ने विजिलेंस डिपार्टमेंट को दी थी। सुरक्षा कारणों से विजिलेंस विभाग ने शिकायतकर्ता के नाम का खुलासा नहीं किया है।