Haryana CET Exam: दूसरे के स्थान पर पेपर देने पहुंचे तीन युवक गिरफ्तार, लाखों में हुआ था सौदा
Haryana CET Exam: सीईटी ग्रुप-डी परीक्षा में, दूसरे के स्थान पर पेपर देने पहुंचे आरोपी बहुत ही शत्तिर है। उन्होंने अपनी पहचान को छिपाने के लिए अपने आधार कार्ड और एडमिट कार्ड पर लगी फोटो को ध्यानपूर्वक हटाकर खुद की फोटो लगाई। वे परीक्षा में सफल भी हुए, लेकिन सरकार द्वारा नई तकनीक में फंस गए।
पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों, जिनमें फतेहाबाद के संदीप और जींद के दनोदा निवासी देवी प्रसन्न शामिल हैं, को रविवार को पकड़ लिया और उन्हें अदालत में पेश किया है, और उन्हें दो दिन के रिमांड पर लिया है।। वहीं, नांगलोई के गोपाल को एक दिन के रिमांड पर लिया गया है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है और छापा कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, कैंपस स्कूल में ग्रुप-डी परीक्षा के दौरान, जींद के हसनपुर निवासी प्रदीप के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़े गए आरोपी गोपाल सिंह ने पुलिस को पहले गुमराह किया। उन्होंने पकड़े जाने पर अपना पता खेड़ी जालब बताया, लेकिन जांच के दौरान पता चला कि वह नांगलोई का हैं।
गोपाल और प्रदीप दोनों दोस्त थे और कुछ समय पहले वे एक साथ कोचिंग क्लास में जाते थे। परीक्षा से पहले, गोपाल ने प्रदीप से कहा कि वह उसकी परीक्षा पास करवा सकता है, लेकिन इसके लिए उसे करीब चार लाख रुपये देने होंगे। जब यह बात स्पष्ट हो गई, तो गोपाल परीक्षा केंद्र पहुंचा था। पुलिस ने आरोपी गोपाल को एक दिन के रिमांड पर रख लिया है।
जब ग्रुप-डी परीक्षा के दौरान पकड़े गए आरोपी संदीप और देवी प्रसन्न को सदर थाना पुलिस ने अदालत में पेश किया, तो उन्हें दो दिन के रिमांड पर रखा गया है। सदर थाना प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान पता चला कि बैजलपुर निवासी सचिन और गोरखपुर निवासी विकास के स्थान पर परीक्षा देने वाले संदीप और देवी प्रसन्न आपस में जानकार हैं। परीक्षा से पहले, उन्होंने डील की हुई थी कि अगर पेपर में पकडे नहीं जाते, तो बाहर आने के बाद एक लाख रुपये देने होंगे, और इसके बाद बाकी की राशि भी देनी होगी।
जांच अधिकारी रविंद्र ने बताया कि आरोपी विनोद को अदालत में पेश करके एक दिन के रिमांड पर लिया गया है। विनोद एमए कर रहा है और वह और सचिन दोनों दोस्त हैं। वे कुछ समय तक एक साथ शहर में रहे थे। सचिन ने ग्रुप-डी के लिए आवेदन किया, और इसके बाद विनोद ने उससे कहा कि वह उसकी परीक्षा पास करवा देगा। परीक्षा में एक लाख रुपये देने के बाद बचे हुए 3 लाख रुपये परीक्षा पास होने के बाद देने होंगे।
आरोपी लोगों ने अपने आधार कार्ड और एडमिट कार्ड पर फोटो को हटाकर अपनी फोटो लगवाई। यदि बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं होती तो परीक्षार्थी आसानी से परीक्षा देने के बाद चले जाते। जब पुलिस की जांच का दायरा बढ़ा , तो कई अन्य चेहरे भी बेनकाब हो सकते हैं।