डेरा चीफ राम रहीम का राइट हैंड आदित्य बना पुलिस के लिए शक्तिमान

 
डेरा चीफ राम रहीम का राइट हैंड आदित्य बना पुलिस के लिए शक्तिमान
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डेरा सच्चा सौदा प्रमुख का दाहिना हाथ माना जाने वाला 5 लाख का ईनामी आरोपी आदित्य इन्सां पांच साल के लम्बे अरसे बाद भी पुलिस की पकड़ में नहीं आया है। पंचकूला हिंसा का मास्टर माइंड आदित्य ही नहीं पुलिस अभी तक 7 अन्य इनामी मुजरिमों समेत कुल 29 लोगों को तलाश नहीं सकी है। ये सभी पुलिस के एक पहेलबी बने हुए हैं।

आदित्य इन्सां को जमीन ख्खा गई या आसामान निगल गया। यह सवाल अभी बना हुआ है। आदित्य इन्सां की तलाश में उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा से लेकर नेपाल तक की सड़कों को अनेक बार नाप चुकी पुलिस के हाथ अभी भी खाली है।

घटना के पांच साल के बाद भी पुलिस आदित्य को पकड़ नहीं पाई है। पेशे से चिकित्सक आदित्य डेरा का प्रमुख प्रवक्ता था। यही नहीं आदित्य के अलावा पुलिस को अभी तक 7 ईनामी मुजरिमों सहित दो दर्जन से अधिक संदिग्ध लोगों की तलाश है।

गौरतलब है कि 25 अगस्त 2017 को सी.बी.आई की विशेष कोर्ट ने साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को दोषी करार दिया और 28 अगस्त को सजा सुनाई थी। 25 अगस्त 2017 को डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने के बाद उत्पाती भीड़ ने पंचकूला, सिरसा के अलावा पंजाब के कई हिस्सों में हिंसा की।


इस दौरान सेना ने फायरिंग

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इस दौरान सेना ने फायरिंग भी की। पंचकूला में 32 की, जबकि सिरसा में 6 लोगों की मौत हो गई थी। इस हिंसक आगजनी में करीब 250 लोग घायल हो गए थे, जबकि करोड़ों रुपए की संपत्ति स्वाहा हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने करीब 173 एफ.आई.आर. दर्ज करते हुए करीब 1000 लोगों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे।

इसी कड़ी में डेरा चीफ की सबसे बड़ी राजदार हनीप्रीत व डेरे में अपना खासा प्रभाव रखने वाले आदित्य इन्सां के खिलाफ पंचकूला एस.आई.टी. पुलिस ने 1 सितम्बर 2017 को लुकआऊट नोटिस जारी किया। 27 दिसम्बर 2017 को पुलिस ने आदित्य इन्सां के ऊपर 1 लाख रुपए का इनाम रखा।


इसके बाद पुलिस ने 7 फरवरी 2018 को ईनामी राशि बढ़ाकर 5 लाख कर दी। इससे पहले पुलिस की ओर से आदित्य की संपत्ति कुर्क करने संबंधी नोटिस भी जारी हुआ। रोचक पहलू यह भी है कि आदित्य तक पुलिस के हाथ न पहुंचने पर कोर्ट भी पुलिस को न केवल फटकार लगा चुका है, बल्कि कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी कि आखिर आदित्य कोई शक्तिमान है जो पुलिस उसे पकड़ नहीं पा रही है।

7 अन्य ईनामी मुजरिम भी बने पहेली

पुलिस ने आदित्य को पकडऩे के लिए पंजाब, राजस्थान व हरियाणा के अलावा नेपाल की भी सड़कें नापीं, पर पुलिस के हाथ आदित्य के गिरेबान तक न पहुंच सके। यहीं नहीं आदित्य के अलावा 7 अन्य इनामी मुजरिम एवं 21 दूसरे आरोपी भी पुलिस की पहुंच से बाहर है।

उक्त सभी सातों आरोपियों पर 50-50 हजार रुपए का ईनाम है। इन सभी के खिलाफ पंचकूला के सैक्टर 56 थाने में देशद्रोह हिंसा भड़काने व अन्य धाराओं के खिलाफ व अन्य धाराओं के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे।

एम्स में नौकरी करता था आदित्य

एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में नौकरी करने वाला डा. आदित्य इन्सां डेरा का अहम किरदार था। वह हमेशा बाबा के इर्द-गिर्द रहता था।

1997 में वह डेरे में आता है। इसके बाद वह डेरे का प्रबंधन देखने लगता है। यह वह दौर था जब बाबा का डेरा शैश्वकाल में था और बाबा यहां पर व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ा रहे थे। आदित्य का मास्टर माइंड इसी काम के लिए इस्तेमाल किया गया।



डेरा चीफ राम रहीम का राइट हैंड आदित्य बना पुलिस के लिए शक्तिमान

मीडिया से तुनकमिजाजी में बात करना, डेरे में अस्पताल के अलावा बाबा के कार्यक्रमों का प्रबंधन करना आदित्य की खासियत रही। वे 1997 में शाह सतनाम हॉस्पिटल में सीनियर कंसलटैंट के तौर पर जुड़े। करीब दशक भर पहले उन्हें डेरा का मुख्य प्रवक्ता बनाया गया। डेरा से जुडऩे से पहले वे 1988 से 1997 में ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ मैडीकल साइंस से जुड़े रहे थे।

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सितम्बर 1999 में आदित्य को शाह सतनाम ग्रीन एस. वैलफेयर फोर्स विंग की डिजास्टर रिलीफ मैडीसन टीम का हैड भी बनाया गया। डेरा की ओर होने वाले तमाम बड़े इवेंट्स में वे खास तौर पर नजर आते थे। 25 अगस्त को आदित्य भी पंचकूला में पेशी पर गया था। उसके बाद वह नजर नहीं आया।