Train Accident: चलती ट्रेन में गर्दन से आर-पार हुआ लोहे का रॉड, उसी वक्त हो गयी मौत, अधिकारियों ने हाथ में थमा दिए 15 हजार, जानिए पूरा मामला

जिला सुल्तानपुर के गोपिनाथपुर निवासी करीब 33 वर्षीय हरिकेश दुबे दिल्ली में किसी प्राइवेट कंपनी में टेक्नीशियन की नौकरी करता था।
 
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Train Accident: अलीगढ़ में चलती ट्रेन के भीतर 5 फीट लंबी व 1.5 इंच मोटी लोहे की रॉड गर्दन से आर-पार होने की घटना में मृत हुए सुल्तानपुर निवासी हरिकेश दुबे के परिजनों को रेलवे के अधिकारियों ने ₹15000 हाथ में थमा दिए। जिससे आक्रोशित मृतक के भाई ने कहा- किसी रेलवे अधिकारी की जान चली जाए तो उसके बदले 15000 नहीं ₹50000 हमसे ले लें, हम देने को तैयार हैं। वहीं मृतक के पिता ने एक सरकारी नौकरी व मृतक की पत्नी को मुआवजे में धनराशि की मांग की है। आरपीएफ इंस्पेक्टर का कहना है कि मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया जा चुका है।

जिला सुल्तानपुर के गोपिनाथपुर निवासी करीब 33 वर्षीय हरिकेश दुबे दिल्ली में किसी प्राइवेट कंपनी में टेक्नीशियन की नौकरी करता था। बीते दिनों उसकी नौकरी छूट गई तो वह नई नौकरी की तलाश में दिल्ली गया हुआ था। परिजनों के बताए अनुसार आगामी तारीख़ में हरिकेश की बहन की ननद की शादी समारोह का कार्यक्रम लखनऊ में होना है। शादी समारोह में शामिल होने के लिए हरिकेश दुबे एक दिन पहले दिल्ली के आनंद बिहार रेलवे स्टेशन से नीलांचन एक्सप्रेस ट्रेन के जरिये लखनऊ जा रहा था।

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उन्होने बताया कि जैसे ही ट्रेन जिला अलीगढ़ के डांबर-सोमना रेलवे स्टेशन के बीच से होकर ट्रेन गुजरी, इसी दौरान ट्रेन के इंजन के ठीक पीछे लगी बोगी की सीट नंबर 15 पर बैठे यात्री हरिकेश दुबे की गर्दन से करीब 5 फीट लंबी लोहे की रॉड आर-पार हो गई। यह रॉड ट्रेन की खिड़की में लगे शीशे को फोड़ते हुए यात्री की गर्दन से आर-पार होते हुई और ट्रेन की सीट के फर्नीचर को भी आर-पार कर गई। इस घटना में यात्री हरिकेश की दर्दनाक मौत हो गई। हरिकेश की मौत इतनी दर्दनाक थी कि हरिकेश लोहे की रॉड गर्दन से पार होते ही पुतले की तरह सीट पर बैठा रह गया। वह अपने जैकेट में रखे हाथ को भी निकाल न सका। दूसरे हाथ मे लगा मोबाइल तुरंत छूट गया। इतना ही नहीं सीट की दूसरी साइड बैठे यात्री भी उस मौत की रॉड से बाल-बाल बच गया।

एक दिन पहले शुक्रवार को घटना के बाद नीलांचल एक्सप्रेस ट्रेन अलीगढ़ रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर सुबह करीब 9:30 बजे पहुँची। जहाँ सूचना पर पहुँचे आरपीएफ, जीआरपी व रेलवे के अधिकारियों ने मृत हरिकेश दुबे के शव की गर्दन से बमुश्किल लोहे की रॉड को निकाला और शव का पंचनामा भरके पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। हरिकेश के परिजन अगले दिन यानी कि आज शनिवार को सुल्तानपुर से अलीगढ़ पहुँचे, जिसके बाद शव की पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूर्ण की गई।

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ट्रेन की इस दर्दनाक घटना में म्रत हुए हरिकेश के परिजनों को रेलवे के अधिकारियों द्वारा मात्र ₹15000 दिए गए तो परिजन आक्रोशित हो गए। मृतक के पिता संतराम ने बताया है कि रेलवे के अधिकारियों ने ₹15000 उन्हें दिए जोकि लेने से इनकार करते हुए अधिकारियों से मांग की है कि हरकेश की पत्नी व दो छोटे-छोटे बच्चे भी हैं हरकेश की पत्नी को एक सरकारी नौकरी व धनराशि मुआवजे के बतौर दी जाए वही मृतक हरिकेश के भाई राकेश दुबे ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि किसी रेलवे अधिकारी की जान चली जाए तो उसके बदले ₹15000 नहीं हमसे ₹50 हजार ले लें।

मौके पर मौजूद रहे आरपीएफ इंस्पेक्टर सुभाष कुमार ने बताया है कि 1 दिन पहले ट्रेन में आनंद बिहार से हरिकेश नाम के यात्री लखनऊ जा रहे थे। जिनकी रास्ते में सब्बल घुसने से मृत्यु हो चुकी है। रेलवे कर्मचारियों द्वारा ट्रैक के पास काम किया जा रहा था। जिसके बाद मृतक के परिजनों द्वारा जीआरपी थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। विवेचना में कार्रवाई अग्रसर है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इंस्पेक्टर ने आर्थिक मदद के संबंध में बताया कि इसके बारे में रेलवे की अधिकारी ही बता सकते हैं। जबकि रेलवे के अधिकारियों ने कैमरे पर बोलने से इंकार कर दिया।