Kisan Mahapanchayat- 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान, जानिये क्या-क्या बोले राकेश टिकैत ?

 
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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत में देशभर से लाखों की संख्या में किसान पहुंचे। इस दौरान किसानों के लिए जगह जगह पर भंडारों की व्यवस्था की गई थी, वहीं हजारों की संख्या में वाहन सड़कों पर ही जाम में फंसे रह गए।

मुजफ्फरनगर के जेसीआई ग्राउंड में महापंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि 27 सितंबर को पूरे भारत को बंद किया जाएगा। वहीं मंच से ही सभी नेताओं ने किसानों के समर्थन में कई ऐलान किये गए।

अपने संबोधन के दौरान राकेश टिकैत ने अल्लाह हू अकबर और हर हर महादेव के नारे लगवाए। इस दौरान उन्होंने कहा कि वो हमें तोड़ने का काम करेंगे और हम लोगों को जोड़ने का काम करेंगे। इस देश किसी एक आदमी का नहीं है, बल्कि सभी भारतीयों का है।

टिकैत ने संबोधन के दौरान कहा कि पूरे देश का किसान पिछले नौ महीने से सड़कों पर है लेकिन केंद्र की सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। किसानों के लिए सरकार की तरफ से अब तक कुछ भी पहल नहीं की गई है।

टिकैत ने कहा कि 26 जनवरी को किसान आंदोलन के लिए पहुंचे थे, लेकिन किसानों को गलत रास्ते पर भेजा गया। किसानों को दिल्ली के लाल किले तक भेजा गया। किसानों के आंदोलन को तोड़ने की पूरी कोशिश की गई।

इस दौरान टिकैत ने कहा कि 28 जनवरी की वो रात जब आंदोलन को कुचलने की कोशिश की, लेकिन रातों रात ही हजारों लाखों किसान वहां पर पहुंच गए। किसान अपने अपने घर से पानी लेकर दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर रातोंरात आए थे, वो दिन कभी नहीं भुलाया जा सकता ।

टिकैत ने कहा कि देश को बिकने नहीं दिया जाएगा। देश को बेचने के लिए सेल फॉर इंडिया का बोर्ड लगा रखा है। एक एक करके सभी चीजों को बेचा जा रहा है। देश की संपत्ति को खरीदने वाले अदानी अंबानी है। एफसीआई के गोदाम इनको दे दिये, बंदरगाह इनको बेच दिये, अब किसान पर असर पड़ेगा।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 9 महीने से आंदोलन हो रहा है लेकिन सरकार ने बात बंद कर दी. सैंकड़ों किसानों के लिए एक मिनट का मौन नहीं किया. उन्होंने कहा, देश में बड़ी मीटिंग करनी होगी. सिर्फ मिशन UP नहीं देश बचाना होगा. बेरोजगारी और जिस तरह से चीज बेची जा रही है, उसकी अनुमति किसने दी.

किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि 8 अप्रैल 1857 को मेरठ में बगावत हुई थी और उसने अंग्रेजी शासन खत्म कर दिया था. अब उसी तरह का जोश मुजफ्फरनगर में दिख रहा है. जिस तरह से ईस्ट इंडिया कंपनी को हटाया, उसी तरह मोदी-शाह को हटाना है. उन्होंने बताया कि अगर मीटिंग 9 और 10 सितंबर को लखनऊ में गन्ने को लेकर होगी.