B-21 Bomber : दुनिया का सबसे एडवांस लड़ाकू विमान B-21 लॉन्च, राफेल से भी है दो कदम आगे; इसे पकड़ सके अभी तक ऐसा रडार नहीं बना

दुनिया का सबसे खतरनाक और एडवांस एयरक्राफ्ट B-21 अमेरिकी वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गया है।
 
B-21 Bomber
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दुनिया का सबसे खतरनाक और एडवांस एयरक्राफ्ट B-21 अमेरिकी वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गया है। फ्रांस के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान राफेल से भी एडवांस इस एयरक्राफ्ट को दो दिसंबर को लॉन्च किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, नए साल यानी 2023 में यह विमान अपनी पहली उड़ान भरेगा। इसके बाद अमेरिकी वायुसेना दुनिया के किसी भी कोने में हमला करने में सक्षम हो जाएगी। आइए जानते हैं इस खतरनाक लड़ाकू विमान की खासियत और राफेल के मुकाबले कितना है यह खतरनाक....

छठे जनरेशन का एकलौता एयरक्राफ्ट 
रेडर B-21 विमान छठे जनरेशन का एकलौता एयरक्राफ्ट है। जबकि, राफेल चौथी और पांचवी जनरेशन का विमान है। अभी तक अमेरिका को छोड़कर किसी देश के पास छठी जनरेशन का विमान नहीं है। चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे बड़े देश इस तकनीकि पर काम कर रहे हैं। 

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रडार को देता है चकमा 
दुनिया में अभी तक ऐसा कोई रडार नहीं बना जो रेडर B-21 को पकड़ पाए। इसका सॉफ्टवेयर इतना अपग्रेड है कि यह बिना भनक लगे किसी भी देश में हमला करके लौट आने में सक्षम है। यह लड़ाकू विमान अमेरिकी एयरफोर्स के B-1 व B-2 ग्रुप के एयरक्राफ्ट का अपडेटेड वर्जन है। 

दुनिया का सबसे छोटा बॉम्बर एयरक्राफ्ट 
जानकारी के मुताबिक, रेडर B-21 दुनिया का सबसे छोटा बॉम्बर एयरक्राफ्ट है। यानी यह जितना ज्यादा खतरनाक है, साइज में उतना ही छोटा भी है। इस विमान को लंबे समय तक लड़ाई में लड़ने के लिए सक्षम बनाया गया है। दुनिया के किसी भी हिस्से की निगरानी, खुफिया जानकारी के अलावा हमला करने में यह विमान सक्षम होगा। 

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अमेरिका के पास होंगे 100 एयरक्राफ्ट 
अमेरिका ने इस बॉम्बर एयरक्रॉफ्ट को बनाने वाली कंपनी नॉर्थ्राप ग्रूमैन से छह विमान खरीदे हैं। योजना के तहत आगे चलकर अमेरिकी वायु सेना 100 रेडर बी-21 की खरीद कर सकती है। 

राफेल के मुकाबले कितना खतरनाक?
राफेल के मुकाबले रेडर बी-21 बॉम्बर एयरक्राफ्ट काफी खतरनाक है। राफेल जहां चौथी और पांचवी पीढ़ी का विमान है तो रेडर छठी जनरेशन का एयरक्रॉफ्ट है। वहीं राफेल की स्पीड 1912 किलोमीटर/ घंटा है तो रेडर 3600 किलोमीटर/ घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह विमान पायलट के बिना ऑपरेट हो सकता है।