हरियाणा के साढ़े 7 लाख से ज्यादा प्राइवेट टीचरों पर मंडराया रोजी रोटी का संकट, स्कूल पड़े हैं बंद

Chaupal TV, हरियाणा में करीब साढे सात लाख निजी टीचरों पर रोजी रोटी का संकट मंडरा गया है। पिछले लंबे समय से स्कूल बंद पड़े हैं और ज्यादातर स्कूल टीचरों को उनकी सैलरी नहीं मिल पा रही है, ऐसे में इन टीचरों को अपना घर गुजारा चलाना भी मुश्किल हो...
 
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हरियाणा के साढ़े 7 लाख से ज्यादा प्राइवेट टीचरों पर मंडराया रोजी रोटी का संकट, स्कूल पड़े हैं बंद

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हरियाणा में करीब साढे सात लाख निजी टीचरों पर रोजी रोटी का संकट मंडरा गया है। पिछले लंबे समय से स्कूल बंद पड़े हैं और ज्यादातर स्कूल टीचरों को उनकी सैलरी नहीं मिल पा रही है, ऐसे में इन टीचरों को अपना घर गुजारा चलाना भी मुश्किल हो रहा है।

In Haryana, about seven and a half lakh private teachers are facing the crisis of livelihood. Schools have been closed for a long time and most of the school teachers are not getting their salary, in such a situation these teachers are finding it difficult to maintain their home.

हरियाणा के साढ़े 7 लाख से ज्यादा प्राइवेट टीचरों पर मंडराया रोजी रोटी का संकट, स्कूल पड़े हैं बंद

एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में करीब 18 हजार निजी स्कूल संचालित हैं और इनमें 7.5 लाख से अधिक शिक्षक काम करते थे। इसके साथ ही सरकारी नौकरी के लिए व ट्यूशन क्लास देने के लिए जो कोचिंग खुले हुए थे वो अलग हैं। ये सभी शिक्षक व कोचिंग संचालक अपनी रोजी-रोटी के लिए अब दूसरे कामों में लगे हैं।

According to an estimate, there are about 18 thousand private schools operating in the state and more than 7.5 lakh teachers used to work in them. Along with this, the coaching which was open for government jobs and for giving tuition classes are different. All these teachers and coaching operators are now engaged in other works for their livelihood.

हरियाणा के साढ़े 7 लाख से ज्यादा प्राइवेट टीचरों पर मंडराया रोजी रोटी का संकट, स्कूल पड़े हैं बंद

कोरोना काल में बंद स्कूलों और कोचिंग संस्थानों के कारण शिक्षण कार्य का कई वर्षों की अनुभव रखने वाले ये शिक्षक अब खेती कर रहे हैं, दूकान चला रहें हैं, कोई सब्जी बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करने को मजबूर है।

वहीं इस मामले में स्कूल संचालकों का कहना है कि बंद स्कूलों के चलते पिछले सवा साल से बच्चों की फीस ही पूरी नहीं मिल रही है तो कैसे शिक्षकों का पूरा वेतन चुकाएं। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामअवतार शर्मा ने मांग की है कि सरकार को निजी स्कूलों से जुड़े शिक्षकों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। सरकार को भी इस तरफ ध्यान देना चाहिए।