Viral News: रातों रात करोड़पति बन गया कबाड़ी, लगी 2.5 करोड़ की लॉटरी, राखी पर खरीदी थी 500 रूपए की टिकट

कहतें हैं कि जब भगवान देता है तो छप्पड़ फाड़ कर देता है। ऐसे ही एक रातों-रात एक शख्स की किस्मत बदल गई।
 

Viral News: कहतें हैं कि जब भगवान देता है तो छप्पड़ फाड़ कर देता है। ऐसे ही एक रातों-रात एक शख्स की किस्मत बदल गई। ऐसा ही कुछ हुआ जालंधर के 67 साल के प्रीतम लाल जग्गी के साथ। प्रीतम ने 500 रुपये की लॉटरी टिकट खरीदी थी। इस टिकट में उनकी ढाई करोड़ रुपये की लॉटरी निकली है।

जिले के कस्बा आदमपुर में कबाड़ी का काम करने वाले प्रीतम बताते हैं कि वह पिछले 50 सालों से लॉटरी का टिकट खरीद रहे थे, लेकिन उन्हें आस थी कि कभी तो उनकी किस्मत उनका साथ देगी। उन्होंने अखबार में देखा कि उनकी लॉटरी लगी है, लेकिन उन्हें उस पर भरोसा नहीं हुआ। कुछ देर बाद जब लॉटरी विक्रेता एजेंसी का फोन आया तब उन्हें इस पर भरोसा हुआ।

पत्नी के नाम से खरीदा था टिकट

वो कहते हैं कि पिछले हफ्ते शहर से आए सेवक नाम के व्यक्ति से उन्होंने लॉटरी का टिकट खरीदा था। उन्होंने यह टिकट अपनी पत्नी अनीता जग्गी उर्फ बबली के नाम से लिया था, जिसका नंबर 452749 था। रविवार सुबह जब उन्होंने अखबार में लॉटरी के नंबर जांचे तो उनके नंबर पर 2.5 करोड़ की लॉटरी निकली हुई थी। वह बताते हैं कि शुरू में उन्हें यकीन नहीं हुआ कि मुझे लॉटरी निकली है। उसके बाद, लॉटरी बेचने वाली एजेंसी का फोन आया। तब उन्हें बड़ी मुश्किल से विश्वास हो पाया कि सच में उनकी लॉटरी लगी है। यह खबर सुनते ही वह काफी खुश हो गए। परिवार को जब यह बात पता लगी तो वह भी खुशी से झूम उठे।

राखी पर खरीदी थी 500 रूपए की टिकट

उन्होंने बताया कि वह सिर्फ एक ही एजेंसी से लॉटरी नहीं खरीदते, बल्कि जहां से उन्हें मिल जाती है। वहीं से लॉटरी ले लेते हैं। अबकी बार उन्होंने राखी पर ₹500 की बंपर लॉटरी खरीदी थी। इसका विनिंग अमाउंट ढाई करोड रुपए था। वह कहते हैं कि लॉटरी का जो भी पैसा उन्हें मिलेगा उसका 25% हिस्सा वह सामाजिक कार्यों में लगाएंगे।

आज तक नहीं बनवा पाए आपकी दुकान और मकान

बता दें कि प्रीतम कबाड़ का काम करके अपने घर का गुजारा चलाते हैं। उनका बेटा भी उनकी इसी काम में मदद करता है। वह बताते हैं कि पिछले कई सालों से वो यही काम करते आ रहे हैं। मुश्किल से ही वह अपना गुजारा चल पा रहे हैं। आज तक वह अपना घर भी नहीं बनवा पाए हैं, ना ही अपनी दुकान बनवा पाए हैं। वह कहते हैं, “मैं पिछले 50 साल से लॉटरी का टिकट खरीद रहा हूं, जब मैंने पहला टिकट खरीदा था, तब उसका रेट 1 रुपए था, लेकिन मैंने लॉटरी का टिकट लेना नहीं छोड़ा।”