ब्रा ऊपर खींची और पैंट नीचे कर दी, फिर छाती पर जूते पर मारी ठोकरें, आर्मी अफसर की मंगेतर ने किया चौंकाने वाला खुलासा
भूवनेश्वर में एक आर्मी अफसर की मंगेतर के साथ थाने में पुलिसवालों की बदसलूकी का मामले ने तेजी पकड़ ली है। मुख्यमंत्री मोहन चर मांझी ने पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए है। यौन शोषण की शिकार महिला ने हैरान करने वाला खुलासा कर दिया है। पीड़िता पेशे से एक वकील और बिजनेसवुमेन भी है। पीड़िता ने बताया कि जब रोड रेज का शिकार होने के बाद शिकायत लकर पुलिस थाने पहुंची।
पुलिसकर्मियों ने पीड़िता की मदद करने की बजाय एक गैंग बनाकर उसे प्रताड़ित करना शुरु कर दिया। पुलिसकर्मियों ने जिस आर्मी मेजर के साथ महिला की शादी होने वाली थी उसे भी थाने में बंद कर दिया। दूसरे कमरे में ले जाकर महिला का यौन उत्पीड़न किया।
गला दबाया, बाल खींचे, दांत तोड़ डाला
पीड़िता ने बताया कि पुलिस ने उसके साथ किस तरह मारपीट की, उनका गला दबाया और बेरहमी से उनके बाल खींचे। पीड़िता का कहना है कि इस मारपीट में उनका एक दांत भी टूट गया, जिसे एक महिला पुलिस अफसर ने बेपरवाही से थाने के बाहर फेंक दिया। लेकिन सबसे चौंकाने वाला वाकया तब हुआ जब रात भर हाथ पैर बांध कर कमरे में बंद की गई पीड़ित महिला के कमरे में अगली सुबह एक पुरुष पुलिस अधिकारी पहुंचा।
पीड़िता का आरोप है कि उसने उनकी ब्रा ऊपर खींची और पैंट नीचे कर उन्हें निर्वस्त्र कर दिया और फिर पैरों में पहने जूतों से उनकी छाती पर ठोकरें मारीं। ये सिलसिला करीब 20 मिनट तक चलता रहा।
हैरानी की बात ये है कि इस तरह का सुलूक उनके साथ तब हुआ जब महिला ये बता चुकी थी कि वो सेना से रिटायर्ड एक ब्रिगेडियर की बेटी और सेना के एक सरविंग अफसर की मंगेतर है।
पुलिसवाले ने चेहरे पर लगाया प्राइवेट पार्ट
महिला ने आगे ये भी आरोप लगाया है कि थाने के अंदर हुए इस हमले के दौरान, एक और पुरुष अधिकारी ने उनके चेहरे पर अपना प्राइवेट पार्ट लगाया और उनसे अपमानजनक सवाल पूछे।
हैरत की बात है कि पुलिसवालों ने एक महिला को सुरक्षा देने और मदद करने के बजाए न सिर्फ बेइज्जत किया बल्कि हदों को पार कर बुरी तरह से टॉर्चर किया।
महिला का दावा है कि उसका कुसूर सिर्फ इतना है कि बतौर वकील उन्होंने पुलिसवालों को उनका फर्ज याद दिलाया और बतौर शिकायतकर्ता अपने अधिकार बताए और रोड रेज की घटना के दौरान उन पर हमला करने वाले लड़कों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा जिसकी वजह से पुलिसवाले नाराज हो गए और उन्होंने उसके साथ बदले की ये कार्रवाई की।
दो ड्रिंक ले लिये तो क्या हुआ?
हालांकि पीड़िता महिला ने कहा है कि वो इस घटना से डरी नहीं हैं और इस घटना को झूठा बताकर उनके कैरेक्टर पर कीचड़ उछाली जा रही है ताकि पुलिसवालों को बचाया जा सके और उनके आरोपों को कम कर के आंका जा सके। पीड़िता कहती हैं कि सोशल मीडिया पर इस तरह की अफवाहों और अटकलों से वो कमजोर नहीं पड़ेंगी। और इस मामले में दोषी पुलिसवालों को सजा दिलवा कर ही दम लेंगी।
सोशल मीडिया पर उस रात उनके शराब के नशे में होने के आरोप पर उन्होंने उल्टा पूछा कि भारत में क्या शराब के दो ड्रिंक पीने की मनाही है? उस रात हुई घटना ने पीड़िता के दिमाग पर गहरा असर छोड़ा है।
वो कहती हैं कि पिछले दस दिनों से वो खुद से यही सवाल पूछ रही हैं कि आखिर उनकी गलती क्या है? उनका कहना है कि आर्मी बैक्ग्राउंड से होने की वजह से उन्होंने हमेशा नाइंसाफी के खिलाफ आवाज उठाना सीखा है। और उस रात वो यही कर रही थीं।
सरकार ने किया सख्त कार्रवाई का दावा
ये वाकया 14 और 15 सितंबर की रात को हुआ था, जब घर से बाहर घूमने निकली पीड़ित महिला और आर्मी में मेजर उनके मंगेतर को कुछ लड़कों ने घेर कर उनके साथ बदसलूकी और मार पीट की। इसके बाद जब ये दोनों इसकी शिकायत करने भरतपुर थाने पहुंचे तो पहले तो थाने से पुलिस अधिकारी गैरहाजिर मिले, फिर जब इनके दबाव डालने पर वो पहुंचे भी तो शिकायत लेने के बजाए पीड़िता के साथ यौन उत्पीड़न और मारपीट की गई।
बाद में, आर्मी के अफसरों के दखल देने के बाद मामला सोशल मीडिया और फिर मेनस्ट्रीम मीडिया तक पहुंचा। इसी के बाद ओडिशा सरकार की ओर से न्यायिक जांच के आदेश दिए गये जबकि भरतपुर थाने के पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। हालांकि इस सबके बाद सोशल मीडिया पर महिला और उनके साथी के कई और वीडियो वायरल हुए जिन्हें सामने रख उन्हें कुसूरवार साबित करने की कोशिश की गई। सरकार अब जूडीशियल जांच के जरिये घटना के सभी पहलुओं की पड़ताल कर कार्रवाई की बात कह रही है। फिलहाल पीड़ित महिला उस रात हुई दिल दहला देने वाली घटना से उबरने के लिए इलाज और थेरेपी ले रही है।