IAS Arti Dogra: इस आईएएस अफसर का पहले सब उड़ाते थे मजाक, अब दूर से ही ठोकते हैं सलाम, जानिए इस अफसर की  सफलता की कहानी 

 

Success Story IAS Arti Dogra: संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में हर बार होती है और कई अभ्यर्थी अपनी कड़ी मेहनत से सफलता हासिल करते हैं। इन अभ्यर्थियों में देश की लाखों लड़कियां भी शामिल होती हैं जो अपने बुलंद हौसलों और मेहनत के बल पर आईएएस-पीसीएस बनने के अपने सपने को पूरा करती हैं।

कई लड़कियां आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों से आती हैं तो कई अपनी अच्छी और सम्मानित नौकरी को छोड़कर यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होती हैं। इनमें वो लड़कियां भी हैं जिनमें सुनने या चलने की क्षमता नहीं है, लेकिन शारीरिक कमजोरी उनके सपनों के बीच कभी नहीं आ सकी।

इसी कड़ी में आज एक ऐसी आईएएस महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे अपने कम कद के कारण बचपन से ताने सुनने पड़े, लोगों ने मजाक बनाया लेकिन वह इन सब के सामने झुकी नहीं, बल्कि अपना काबलियत का कद इतना बड़ा कर लिया कि मजाक उड़ाने वालों की बोलती बंद कर एक मिसाल बन गई। ये कहानी है आईएएस आरती डोगरा की।

आरती डोगरा कौन हैं?
आरती डोगरा महिला आईएएस अधिकारी हैं, जिनका कद साढे तीन फुट का है। आरती का जन्म उत्तराखंड के देहरादून जिले में हुआ था। आरती के पिता का नाम कर्नल राजेंद्र डोगरा है और मां कुमकुम डोगरा हैं, जोकि एक प्राइवेट स्कूल में प्रधानाध्यापिका रह चुकी हैं। आरती अपने माता पिती की इकलौती संतान हैं।

छोटे कद की हैं आईएएस आरती
आरती का कद 3 फुट है। जैसे जैसे वह बड़ी होती गईं, उनकी शारीरिक बनावट पर लोग सवाल उठाने लगे। उनका मजाक बनाते। लेकिन उनके माता पिता ने हमेशा आरती का समर्थन किया। उन्हें आम बच्चों की तरह ही पाला पोसा।

आईएएस आरती डोगरा की शिक्षा
उनकी शुरुआती शिक्षा ब्राइटलैंड स्कूल से हुई। इसके बाद आरती ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया। वापस आकर देहरादून से ही उन्होंने परास्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की।

आईएएस बनने के पीछे की वजह
पढ़ाई के दौरान आरती की मुलाकात उस समय आईएएस रहे मनीषा पंवार से हुई। मनीषा ने उनका मार्गदर्शन किया और आरती ने आईएएस बनने की ठान ली। अपने पहले ही प्रयास में आरती डोगरा ने प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ली। 

आरती साल 2006 बैच के राजस्थान कैडर की आईएएस अफसर हैं। आरती डोगरा पहले डिस्कॉम की मैनेजिंग डायरेक्टर रहीं, बाद में अजमेर के जिलाधिकारी के पद पर तैनात हुईं। उनके कार्यों के बारे में बात करें तो आरती डोगरा ने खुले में शौच से मुक्ति के लिए स्वच्छता मॉडल बंको बिकाणो शुरू किया। जिसकी तारीफ पीएमओ ने भी की थी।