IPS Kshama Mishra Success Story: हिंदी मीडियम से पढ़ाई कर आईपीएस अधिकारी बनी क्षमा मिश्रा, बंगलौर में हैं एसपी रैंक की ऑफिसर

UPSC की परीक्षा को सबसे टफ परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने का सपना तो हर कोई देखता है लेकिन इसे पास चुनिंदा लोग ही कर पाते हैं।
 

IPS Kshama Mishra Success Story: UPSC की परीक्षा को सबसे टफ परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने का सपना तो हर कोई देखता है लेकिन इसे पास चुनिंदा लोग ही कर पाते हैं। इसे पास करने के लिए दिन रात मेहनत करनी पड़ती है। आज हम आपको ऐसे ही मेहनत करने वाली आईपीएस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनका नाम है क्षमा मिश्रा। 

क्षमा मिश्रा ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई गांव के सरकारी इंटर कॉलेज से की। फिर वहीं गांव के पास एक डिग्री कॉलेज से BA और हिंदी साहित्य से MA की पढ़ाई। इसके बाद वह आईपीएस बनी और  पहली पोस्टिंग बेलगावी, कर्नाटक ( यह वही स्थान है जो कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच विवाद का कारण बना हुआ है आजकल) में हुई। अब उनकी पोस्टिंग SP रैंक में बंगलोर में है। 

आईपीएस क्षमा मिश्रा का सपना है कि लड़कियों की सार्वजनिक क्षेत्र में एवं सिविल सेवाओं में भागीदारी बढ़े। सरकार भी इसके लिए प्रयत्नशील रहती है। हमने लोगों ने भी glory ias नामक एक यूट्यूब चैनल के माध्यम से ये प्रयास किया है जिससे युवा अपना बेहतरीन समय बचा सकें और काम कर सकें। 

खासकर वर्ष 2000 के बाद जन्मे युवाओं का सही मार्गदर्शन ताकि वे तैयारी के नाम पर अपना जीवन न खराब करें और जल्दी select होकर राष्ट्र को सेवा दें।साथ ही खेलों के और फिटनेस के संदर्भ में लोग जागरूक बने।  इसके लिए वह निरंतर प्रयासरत है। 

आईपीएस क्षमा मिश्रा का  कहना है कि बचपन से ही खाकी वर्दी का आकर्षण रहा। किसी महिला दरोगा, महिला सिपाही या army के अधिकारियों को देख खुद भी वर्दी पहनने का मन था। IPS होने के पहले भी मेरा चयन डिप्टी SP के पद पर हुआ था। अब आईपीएस बन कर प्रतिदिन वर्दी पहनने को मिलता है। साथ ही लोगों की सुरक्षा और सहायता में संतोष मिलता है।

शुरू शुरू में आयी दिक्क्तों को लेकर आईपीएस क्षमा मिश्रा का कहना है कि प्रारंभ से ही हम लोगों को बता दिया गया कि आप लोग सेलेक्ट तो होंगे किन्तु 5-7 साल लगेंगे। ये एक प्रचलित धारणा हो गई है। मुझे भी इसका शिकार होना पड़ा। 5 साल बाद डिप्टी SP और 6 साल बाद IPS पद पर चयन हुआ। इसीलिए glory ias चैनल के द्वारा सबसे कम उम्र के(साल 2000 के बाद जन्मे) कैंडिडेट को जल्दी से select होने की ट्रेनिंग दी जा रही। 

आईपीएस क्षमा मिश्रा का कहना है कि वह आज के समय में युवाओं को यह सन्देश देना चाहती है कि युवा इस समय किसी कुचक्र में पड़ने की बजाय सही मार्ग अपनाए और इन संभावनाएं को संभव करें।  Fitness को कहो हाँ, Drugs को बोलो न।