Bharatpur Rajasthan:यहां जमीन से निकल रहा खौलता पानी, उबल जाती है चाय और पक जाते हैं चावल

नदी-नहर नहीं होने से भरतपुर जिले के किसान सिंचाई के लिए बोरवेल का उपयोग करते हैं, लेकिन इन दिनों वैर और भुसावर के करीब 6 से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में बोरवेल से गर्म पानी निकल रहा है. ये पानी इतना गर्म होता है कि इससे चावल पकाए जा सकते हैं और चाय उबाली जा सकती है. इससे किसान बहुत परेशान हैं.
 

Bharatpur Rajasthan:राजस्थान के भरतपुर में नदी-नहर नहीं होने से जिले के किसान फसलों की सिंचाई के लिए परेशान रहते हैं. इसलिए किसान बोरवेल के जरिए सिंचाई करते हैं, लेकिन इन दिनों वैर और भुसावर क्षेत्र के करीब 6 से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में बोरवेल गर्म पानी निकल रहा है. इससे किसान बहुत परेशान हैं.

ज्यादातर बोरवेल से निकलता है गर्म पानी

गौरतलब है कि इन इलाकों में ज्यादातर बोरवेल से गर्म पानी निकलता है. ये पानी इतना गर्म होता है कि उससे चाय उबाली जा सकती है और चावल पकाए जा सकते हैं. पानी इतना ज्यादा गर्म होता है, अगर इसे बिना ठंडा किए सिंचाई में उपयोग किया जाए तो फसल नष्ट हो सकती है.

गर्म पानी को किसान टैंक में भरते हैं

रबी की फसल में सिंचाई की अधिक जरूरत होती है, लेकिन यहां नदियां-नहर नहीं होने की वजह से बोरवेल ही सिंचाई का एकमात्र साधन है. इसलिए बोरवेल से निकलने वाले गर्म पानी को किसान पहले टैंक में जमा करते हैं. इसके बाद जब ये ठंडा हो जाता है तो उपयोग में लेते हैं. 

बोरवेल के गर्म पानी से किसान परेशान

इस इलाके में हर किसान ने अपने बोरवेल के पास पानी को ठंडा करने के लिए टैंक बनवा रखे हैं. कई वर्षों से इलाके के किसान बोरवेल से निकलने वाले गर्म पानी से परेशान हैं. वो चाहकर भी बोरवेल के पानी को सीधे खेतों की सिंचाई में उपयोग नहीं कर पाते हैं. 

सांसद पर अनदेखी का आरोप

किसान राम प्रसाद ने बताया कि इलाके में फसल की सिंचाई के लिए बोरवेल ही एकमात्र साधन है, लेकिन इलाके के सभी बोरवेल से निकलने वाला पानी गर्म होता है. इसका सिंचाई के लिए सीधा उपयोग नहीं कर सकते. इसलिए बोरवेल से निकलने वाले गर्म पानी को पहले टैंक में भरकर ठंडा किया जाता है.

इसके बाद उसे सिंचाई के लिए उपयोग में लिया जाता है. इस दौरान उन्होंने सांसद रंजीता कोली पर किसानों की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया.