गेहूं के आटे मे ये आटा मिलाकर बनाएं रोटी , हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर को कहें अलविदा
इस तरह से आप रोटी बनाकर खाएंगे तो आपको दोनों ही अनाज में मौजूद पोषक तत्व प्राप्त होंगे. साथ ही सेहत को कई लाभ भी होंगे. आप बाजार से आटा खरीदने की बजाय गेहूं को पिसवाकर आटा घर में रखते हैं तो इसके साथ काले चने को भी पिसवा लें. जब भी रोटी बनानी हो तो इन दोनों आटे को बराबर मात्रा में मिलाकर आटा गूंथें और रोटी बनाकर खाएं. आइए जानते हैं काले चने और गेहूं के आटे को मिक्स करके रोटी खाने के क्या-क्या फायदे होते हैं।
बेसन और गेहूं के आटे की रोटी खाने के फायदे
1. जब आप सामान्य गेहूं के आटे में कोई दूसरे अनाज का आटा मिलाकर रोटी बनाते हैं तो यह अधिक पौष्टिक हो जाता है. इससे आटे में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है. ऐसे में आप चाहें तो बेसन भी आटे में मिलाकर रोटी बना सकते हैं. एचटी डॉट कॉम में छपी खबर के अनुसार, आप गेहूं के आटे में बेसन या अन्य लेंटिल्स या अनाज का आटा मिलाकर इसे हाई प्रोटीन युक्त बना सकते हैं. साथ ही कई अन्य सेहत लाभ भी पा सकते हैं. इससे ना सिर्फ शुगर लेवल कंट्रोल होगा, बल्कि वजन भी कम होगा.
2. बेसन को जब आप आटे में मिक्स करके रोटी बनाते हैं तो इसमें फाइबर और प्रोटीन की मात्रा डबल एड होती है, जिससे आपका पाचन तंत्र भी हेल्दी बना रहता है. कम कैलोरी और हाई फाइबर होने के कारण आपको देर तक पेट भरे होने के अहसास होता है, जिससे वजन भी बढ़ने का डर नहीं रहता है.
3. काले चने से तैयार आटा या बेसन डायबिटीज में भी फायदेमंद होता है. यदि आप बेसन के आटे से बनी रोटी का सेवन करते हैं तो शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है. आपको यदि सिर्फ बेसन की रोटी का स्वाद पसंद नहीं आता तो आप इसे गेहूं के आटे में मिक्स करके रोटी बना सकते हैं.
4. काले चने में प्रोटीन, फाइबर के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, विटामिंस भी होते हैं. गेहूं के आटे के साथ चने के आटे (बेसन) को मिलाकर रोटी बनाने से पेट संबंधित समस्याएं नहीं होती हैं. कब्ज से परेशान रहते हैं तो आप गेहूं के आटे में बेसन मिक्स करके रोटी बनाएं और इसका सेवन करें. आपको लाभ होगा.
5. यदि आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई रहता है तो आप गेहूं के आटे में बेसन मिलाकर गूंथें और इसकी रोटी खाएं. चने का आटा गेहूं के आटे में मिक्स करके खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई नहीं होता है. इस तरह से आप हार्ट डिजीज से भी बचे रह सकते हैं.