Karwa Chauth: करवा चौथ पर महिलाएं छलनी से ही क्यों करती है अपने पति का दीदार? जानें इसके पीछे की वजह 

 

Karwa Chauth 2024: हिन्दू धर्म में करवाचौथ के व्रत का विशेष महत्व है। विवाहित महिलाओं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। इस वर्ष करवाचौथ 20 अक्टूबर 2024 को पड़ रहा है। इस व्रत की पुरानी मान्यताएं और धार्मिक आस्थाएं इसे और भी विशेष बनाती हैं।

छलनी से क्यों देखा जाता है मुंह

छलनी करवाचौथ के व्रत की पूजा का अहम हिस्सा है। पुरानी मान्यता के अनुसार, छलनी में कई छेद होते हैं, जिनके माध्यम से चंद्रमा के दर्शन किए जाते हैं। मान्यता है कि जितने छेदों से चांद के दर्शन होते हैं, उतने ही अधिक गुणा पति की उम्र बढ़ती है। यही कारण है कि व्रतधारी महिलाएं चांद और फिर पति को छलनी के माध्यम से देखती हैं।

पूजा की सामग्री

करवा, जिसमें जल भरा जाता है, चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए आवश्यक होता है। यह बर्तन शुद्धता और समर्पण का प्रतीक है। कांस के तिनके और सींक पवित्रता का प्रतीक हैं।