Ajab Gajab:यहां शादी के बाद लड़के की होती है विदाई, जानें वजह

हमारे देश में अलग-अलग समुदाय के लोग रहते हैं। ऐसे में संस्कृति से लेकर पहनावे तक कई मायनों में एक दूसरे से बहुत अलग होता है। शादी के बाद लड़की को अपना घर छोड़कर ससुराल जाना पड़ता है।

 

हमारे देश में अलग-अलग समुदाय के लोग रहते हैं। ऐसे में संस्कृति से लेकर पहनावे तक कई मायनों में एक दूसरे से बहुत अलग होता है। शादी के बाद लड़की को अपना घर छोड़कर ससुराल जाना पड़ता है।

आज हम आपको ऐसे समुदाय के बारे में बताने जा रहे हैं जहां लड़की नहीं बल्कि लड़के की विदाई होती है। इस समुदाय का यही रिवाज है कि लड़की के बजाय लड़के को विदा किया जाता है।

कहां फॉलो होती है ये परंपरा?

ऐसा हो सकता है कि आप लोगों में से कुछ को इस जगह के बारे में पता हो, पर ज्यादातर लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं। काफी लोगों को इस बात को जानकर काफी हैरानी भी होगी कि ऐसा भी कोई स्थान है जहां शादी के बाद लड़की की जगह लड़का घर छोड़ता है।

दरअसल, ये अनूठी परंपरा भारत के मेघालय राज्य में एक विशेष समुदाय द्वारा फॉलो की जाती है। मेघालय के चेरापुंजी इलाके में खासी जनजाति के लोगों में यही रिवाज है।

चेरापुंजी इलाके में रहने वाली इस खासी जनजाति में शादी होने के बाद लड़की की बजाय लड़का घर छोड़कर लड़की के यहां रहने जाता है। हालांकि, कुछ दिन बाद वह अपना घर बदल लेते हैं। 

कौन होता है मुखिया, पुरुष या महिला?
इस जनजाती की एक और पुरानी परंपरा है, इस परंपरा के मुताबिक सबसे छोटी बेटी मां-बाप के साथ रहेगी और उनकी सेवा करेगी। हालांकि, उससे बड़ी लड़कियां अपना घर छोड़कर अलग हो सकती हैं। लेकिन वो भी एक निश्चित समय के बाद ऐसा कर सकती हैं।

खासी जनजाति में एक खास बात ये भी है कि यहां घर में महिलाएं ही मुखिया होती हैं। इसके अलावा एक बात और है कि जब प्रॉपर्टी का बंटवारी होता है तो लड़को को कम व लड़कियों को ज्यादा हिस्सा मिलता है। इसमें भी सबसे ज्यादा हिस्सा मां-बाप के साथ रहने वाली छोटी लड़की को मिलता है।