IAS Niranjan Kumar: तंबाकू की दुकान पर काम करने वाला लड़का बना IAS अफसर, 2 बार क्रैक किया UPSC एग्जाम
हर साल लाखों युवा यूपीएससी की तैयारी करते हैं लेकिन सिर्फ कुछ ही इसे पास कर सफलता हासिल कर पाते हैं। आज हम आपको ऐसे ही आईएसस अफसर के बार में बताने जा रहे हैं जिसने सफलता हासिल करने के लिए तंबाकू की दुकान पर काम किया। आइए जानते हैं आईएएस निरंजन कुमार सक्सेस स्टोरी।
बिहार के नवादा जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले, अरविंद कुमार के बेटे निरंजन कुमार ने 2004 में जवाहर नवोदय विद्यालय रेवार नवादा में पढ़ाई की।
2006 में उन्होंने साइंस कॉलेज पटना से इंटर की डिग्री पूरी की। इस बीच, वह अपना और परिवार का खर्च चलाने के लिए अपने पिता की छोटी तंबाकू की दुकान पर काम करते थे।
निरंजन ने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में कहा, “जब मेरे पिता बाहर जाते थे तो मैं उनकी छोटी सी दुकान पर बैठता था और खैनी बेचता था। मेरे पिता अभी भी दुकान चलाते हैं, जबकि मैंने उन्हें बताया कि उन्हें 5,000 रुपये की मासिक कमाई के लिए अब इसकी जरूरत नहीं है।”
इसके बाद, उन्होंने आईआईटी में अपनी हायर एजुकेशन पूरी की और धनबाद में कोल इंडिया लिमिटेड में असिस्टेंट मैनेजर के रूप में नौकरी हासिल की।
फिर, उन्होंने अपनी यूपीएससी जर्नी शुरू की और 728 एआईआर रैंक पाकर आईआरएस अधिकारी बन गए। इसके बाद उन्होंने 2016 में दूसरा अटेंप्ट दिया और आखिरकार 535 एआईआर हासिल कर आईएएस बन गए। उन्होंने अपनी नौकरी की और इस बीच बिना कोचिंग के यूपीएससी की तैयारी की।
उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि परिस्थितियां कैसी भी हों, अपने सपनों को कभी न छोड़ना हमेशा सार्थक होता है।