Natarajasana Yoga: इस योग से मांसपेशियों की समस्या से मिलेगा छुटकारा, योग करते समय इन सावधानियों का रखे ध्यान 

 

Natarajasana Yoga: हम अपने आप को फिट और स्वस्थ रखने के लिए जिम आदि कई तरह का व्यायाम करते है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसा व्यायाम का नाम बताते है जिनको करने से हमारे शरीर की मांसपेशियों से सम्बंधित समस्याएं दूर हो जायेगी।

यदि आपको टखने या पीठ के निचले हिस्से में चोट लगी है या फिर लो ब्लड प्रेशर, चक्कर आने, सिरदर्द जैसी समस्याओं से परेशान रहते हैं तो इस योग  को न करें। इसके अलावा गर्भावस्था में भी इस अभ्यास को न करने की सलाह दी जाती है।

नटराजासन योग का जिक्र प्राचीन शास्त्रों में भी मिलता है, जिसको दिनचर्या का हिस्सा बनाकर योगी-ऋषि शरीर को स्वस्थ और फिट रखा करते थे। इसे डांसर पोज के तौर पर भी जाना जाता है। मध्यवर्ती योग की यह मुद्रा है, शरीर के संतुलन को ठीक करने और हड्डियों-मांसपेशियों के लिए काफी लाभकारी मानी जाती रही है। 

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, शरीर के कई हिस्सों में होने वाले दर्द और मांसपेशियों की समस्याओं के लिए खराब पॉश्चर प्रमुख कारण माना जाता है। नटराजासन योग के अभ्यास से इस तरह की दिक्कतों से आराम पाया जा सकता है।

योग विशेषज्ञ कहते हैं, यह भगवान नटराज की विशेष मुद्रा है जो शरीर के संतुलन के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करती है। हालांकि यह अभ्यास कठिन है इसके लिए आपको निरंतर प्रैक्टिस की आवश्यकता होती है।


नटराजन योग कैसे करे 

 नटराजसन को मध्यमस्तरीय योग मुद्रा के रूप में जाना जाता है जिसके लिए आपको विशेष अभ्यास की आवश्यकता होती है। इस आसन के लिए शरीर के संतुलन का ठीक रहना आवश्यक है, इसके शुरुआती दिनों मे किसी प्रशिक्षक की निगरानी में ही इसका अभ्यास किया जाना चाहिए। इस योग को करने के लिए सबसे पहले एक पैर को पीछे की तरफ मोड़ें और हाथ से पैर को टखने से पकड़ें। पैर को जितना हो सके ऊपर की ओर उठाएं। अपने बाएं हाथ को सामने सीधा फैलाएं। अभ्यास के समय गहरी सांस लेते रहें और शरीर का संतुलन बनाने की कोशिश करें। कुछ समय तक इसी स्थति में रहें और भी पूर्ववत अवस्था में आकर दूसरे हाथ-पैर से इसका अभ्यास करें।


नटराजास योग से होने वाले फायदे

नटराजासन योग के शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के स्वास्थ्य लाभ हैं। मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग से लेकर पॉश्चर की समस्या के कारण होने वाली दिक्कतों को दूर करने में इसके अभ्यास से विशेष लाभ पाया जा सकता है। 
हैमस्ट्रिंग,काल्फ को स्ट्रेच करने और शरीर को लचीला बनाने में इस योग के लाभ हैं। 
पीठ के निचले हिस्से और जांघों को टोन करता है।
बाहों और कंधों की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद अभ्यास है।
छाती को खोलने और पेट की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने में इस योग के लाभ हैं। 
रीढ़, कंधों और पीठ की मांसपेशियों के लिए इसे फायदेमंद माना जाता है। 
शारीरिक मुद्रा में सुधार करने के साथ संतुलन को बेहतर बनाने में इस अभ्यास को फायदेमंद पाया गया हैं।

नटराजासन योग की सावधानियां

नटराजासन योग का नियमित अभ्यास करना वैसे तो सभी के लिए फायदेमंद है, पर कुछ स्थितियों में इसका अभ्यास न करने की सलाह दी जाती है। यदि आपको टखने या पीठ के निचले हिस्से में चोट लगी है या फिर लो ब्लड प्रेशर, चक्कर आने, सिरदर्द जैसी समस्याओं से परेशान रहते हैं तो इस योग  को न करें। इसके अलावा गर्भावस्था में भी इस अभ्यास को न करने की सलाह दी जाती है। अधिकतम लाभ प्राप्त करने और सही तरीके के बारे में जानने के लिए योग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।