हरियाणा में महिलाओं को गर्भवती करने के नाम पर ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार, ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा

 हरियाणा में महिलाओं को गर्भवती करने के नाम पर ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार, ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा
 
हरियाणा के नूंह साइबर थाना पुलिस ने दो ऐसे साइबर ठगों को दबोचा है जो महिलाओं को गर्भवती करने के नाम पर रुपयों का लालच देकर लोगों से ठगी करते थे। इसके लिए बाकायदा ये ठग सोशल मीडिया के माध्यम से फर्जी विज्ञापन डालकर लोगों को झांसी में लेते थे। 

इन आरोपियों की पहचान एजाज निवासी बुराका, हथीन जिला पलवल और इरशाद निवासी कुतुकपुर शाहचोखा थाना पिनंगवा के रूप में हुई है। जिनके दो मोबाइलों से चार सिम बरामद हुई है। इनमें दो सिम कार्ड महाराष्ट्र और असम के पते पर जारी हुई थी। 

इसके अलावा दोनों के मोबाइलों में संदिग्ध चैटिंग भी मिली है। दोनों आरोपियों के विरुद्ध नूंह साइबर थाना पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

नूंह साइबर थाना प्रभारी विमल कुमार ने बताया कि सूचना मिली कि एजाज और इरशाद मिलकर फर्जी सोशल मीडिया साइटों पर महिलाओं को गर्भवती करने के नाम पर फर्जी विज्ञापन डालकर लोगों को झांसे में लेते हैं।

दोनों फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट के माध्यम से लोगों से संपर्क कर फाइल और पंजीकरण का शुरुआती खर्चा बताकर ऑनलाइन तरीके से एडवांस फीस लेते है। साथ ही ये फीस फर्जी बैंक खातों के माध्यम से बनाए गए फोन पे, गूगल पे और पेटीएम के माध्यम से पर लेते हैं।

जानकारी के मुताबिक साइबर थाना पुलिस की एक टीम ने जाल बिछाकर दो युवकों को शाहचोखा नहर के नजदीक से दबोच लिया। जिन्होंने पूछताछ में अपनी पहचान एजाज और इरशाद उपरोक्त के रूप में बताई। तलाशी लेने पर दो मोबाइल मिले, जिनमें चार सिम थी। इनमें दो सिम कार्ड महाराष्ट्र और असम के पते पर जारी हुई थी। 

साइबर थाना प्रभारी के मुताबिक मोबाइल गैलरी चेक करने पर व्हाट्सएप अकाउंट में लोगों से महिलाओं को गर्भवती कराने संबंधित चैटिंग मिली। चार से अधिक फेसबुक अकाउंट मिले। जिनमें महिलाओं को गर्भवती करने के बदले में राशि देने का फर्जी विज्ञापन मिला है। 

उन्होंने बताया कि नूंह में इस तरह की अनोखी साइबर ठगी का ये पहला मामला है। आरोपी काफी लोगों को अब तक झांसे में लेकर अपना शिकार बना चुके हैं। इस गिरोह से जुड़े अन्य तारों की भी जांच की जा रही है। दोनों आरोपियों के विरुद्ध संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज करके आरोपियों को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा है।