ऐलनाबाद की राजनीति में हो सकता है बड़ा धमाका, टिकट कटने से नाराज भरत सिंह बैनीवाल ने बुलाई बैठक

 

हरियाणा के ऐलनाबाद विधानसभा में 30 अक्टूबर को उपचुनाव होना है। इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब 11 अक्टूबर को छंटनी और 13 अक्टूबर को नामांकन वापसी और 30 अक्टूबर को चुनाव होना है, जबकि 2 नवंबर को नतीजे आने है।

ऐलनाबाद के उपचुनाव में इनेलो की तरफ से अभय चौटाला फिर से चुनावी मैदान में हैं। अभय चौटाला यहां पर लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। बीती 27 जनवरी को अभय चौटाला ने किसान आंदोलन के समर्थन में इस्तीफा दिया था, जिसके बाद यह सीट खाली हुई थी।

बीजेपी जेजेपी गठबंधन की तऱफ से यहां पर भाजपा का प्रत्याशी गोबिंद कांडा है। गोबिंद कांडा मूल रुप से सिरसा के रहने वाले हैं और हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा के भाई हैं। गोबिंद कांडा ने कुछ समय पहले बीजेपी ज्वाइन की थी और पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।

इधर कांग्रेस की तरफ से पवन बैनीवाल को प्रत्याशी बनाया गया है। पवन बैनीवाल दो चुनाव बीजेपी की टिकट पर लड़ चुके हैं और कुछ समय पहले ही किसानों के बीच जाकर पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद वो हाल ही में कांग्रेस में शामिल हो गए थे और कांग्रेस पार्टी ने पवन बैनीवाल को टिकट दिया है।

ऐलनाबाद के दंगल में कांग्रेस की तरफ से पवन बैनीवाल को टिकट दिये जाने के बाद अब पूर्व विधायक और कांग्रेस के कड़े दावेदार भरत सिंह बैनीवाल ने नाराजगी जताई है। हालांकि दोनों ही एक ही गांव से हैं और पवन बैनीवाल अपने चाचा भरत सिंह को मनाने का दावा भी कर रहे हैं।

भरत सिंह बैनीवाल ऐलनाबाद के चुनाव में एक बड़े फैक्टर के तौर पर हैं। भरत सिंह बैनीवाल एक बड़े वोट बैंक को प्रभावित करते हैं, जो कि हार जीत को तय करता है। बताते हैं कि भरत सिंह बैनीवाल के पास मजबूत और स्थाई वोट हैं।

टिकट कटने से नाराज भरत सिंह बैनीवाल अब लगातार अपने समर्थकों के साथ बैठक कर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस नेताओं का दावा है कि वो जल्द ही भरत सिंह को मना लेंगे, लेकिन भरत सिंह बैनीवाल के मन में अभी तक टिकट ना मिलने की टीस बार बार सता रही है।

भरत सिंह बैनीवाल बताते हैं कि उन्होंने हमेशा कांग्रेस में रहकर राजनीति की है, लेकिन अब पार्टी ने दो दिन पहले आए लोगों को टिकट दे दिया है। भरत सिंह 1991 में पहला चुनाव लड़ा था, उसके बाद से लगातार वो 2019 तक ऐलनाबाद हल्के में पार्टी को मजबूत करते रहे हैं।

भरत सिंह बेनीवाल हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुडा के नजदीकी है और फ़िलहाल अब कांग्रेस प्रदेश की कमान प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा के हाथों में है। भरत सिंह बेनीवाल की टिकट 2014 में भी कट गई थी जब प्रदेश कांग्रेस की कमान पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक तंवर के हाथों में थी।

भरत सिंह ने बताया कि ऐलनाबाद हलके में उनसे पुराना कोई कांग्रेसी नेता नहीं है 1991 से वे कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं । भरत सिंह बेनीवाल ने कांग्रेस पार्टी में अपना अनुभव सांझा करते हुए कहा कि 1991 में पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल ने उन्हें पहली बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ गया था, उनके सामने इनेलो सुप्रीमो और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला थे।

भरत सिंह को छोड़कर जब किसी ने ऐलनाबाद या दड़बा हल्का से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा है उनकी हालत बेहद खराब रही है। भरत सिंह हमेशा अच्छे वोट बैंक के साथ चुनावीं दंगल में उतरते हैं और उनके पास एक अच्छा खासा वोट बैंक है।

फिलहाल भरत सिंह बेनीवाल लगातार अपने निवास पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से मीटिंग कर रहे हैं और 14 अक्टूबर को कार्यकर्ताओं से मीटिंग के बाद एक बड़ा फैसला लेंगे ।