हरियाणा में इस वजह से 17 अक्टूबर को नई सरकार का गठन करने जा रही बीजेपी, देना चाहती है ये संदेश
हरियाणा में नई सरकार का गठन 16 अक्टूबर को होने जा रहा है। वहीं 16 अक्टूबर को विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम पर औपचारिक मुहर लग जाएगी। हालांकि, नायब सिंह सैनी का फिर से मुख्यमंत्री बनना तय है। लेकिन, इसकी आधिकारिक घोषणा होना अभी बाकी है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने 17 अक्टूबर का दिन शपथ ग्रहण के लिए ऐसे ही नहीं चुना है। बल्कि, इसके पीछे एक बड़ी रणनीति है। जिसके जरिए बीजेपी प्रदेश की जनता को एक बड़ा संदेश देगी।
दरअसल, जिस दिन प्रदेश में नई सरकार का गठन होना है। उस दिन वाल्मीकि जयंती है। वाल्मीकि समाज के लोग वाल्मीकि जयंती को
दिवस के रूप में भी मनाते हैं। इसी मौके का फायदा उठाते हुए बीजेपी ने हरियाणा सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम रखा है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि इस समारोह के जरिए बीजेपी दलित समुदाय को पार्टी से कनेक्ट करना चाहती है और दलित समुदाय के लोगों को बताना चाहती है कि पार्टी हमेशा दलितों के साथ है। जिसके चलते नायब सैनी सरकार ने पहले ही वाल्मिकी जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है।
राजनितिक गलियारों में चर्चा है कि प्रदेश में 21 फीसदी के करीब दलित समुदाय के लोग रहते हैं, जो सियासी तौर पर जाट समुदाय के बाद दूसरी सबसे बड़ी जाति है। लोकसभा चुनाव में दलित-जाट समीकरण के सहारे कांग्रेस पार्टी 10 में से 5 सीटें अपने खेमे में लाने में कामयाब रही थी। हालांकि, विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने प्रदेश में हैट्रिक लगाते हुए बड़ी जीत हासिल की है और कांग्रेस जीत के करीब होने के बावजूद फिर से सत्ता से बाहर हो गई। ऐसे में बीजेपी ने हारा हुआ चुनाव जीतकर रिकॉर्ड इतिहास रच दिया है। बीजेपी दलित और ओबीसी वोटों को जोड़ने में कामयाब रही और आखिरी समय में पासा पलट दिया।