Sukanya Samriddhi Yojana : बेटियों के स्वर्णिम भविष्य के लिए बेहद कारगर है सुकन्या समृद्धि योजना, जानिए कैसे उठा सकते हैं  योजना का लाभ  

 

Sukanya Samriddhi Yojana :  महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी के उज्ज्वल भविष्य के लिए चलाई जा रही सुकन्या समृद्धि योजना बहुत कारगर सिद्ध हो रही है। बेटियां समाज का गौरव हैं और बेटियों को बेहतर शैक्षणिक एवं सुरक्षित माहौल प्रदान करने में सरकार सजगता से अपना दायित्व निभा रही है।

 केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं क्रियान्वित की गई हैं। योजना के तहत खाता पोस्ट ऑफिस या बैंक में खुलवाया जा सकता है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रवक्ता ने आज इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए वरदान है। इस योजना में जमा की गई राशि भविष्य में बेटियों को उच्चतर शिक्षा दिलवाने व उनकी शादी में आर्थिक रूप से मददगार साबित हो रही है।

 ऐसे में सभी पात्र व्यक्तियों को इस योजना के तहत अपनी बेटी का खाता खुलवाना चाहिए। सुकन्या समृद्धि खाता योजना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का ही एक भाग है। उन्होंने बताया कि सुकन्या समृद्धि खाता एक डाकघर से दूसरे डाकघर में नि:शुल्क ट्रांसफर किया जा सकता है। जमा राशि पर लगने वाला ब्याज पूर्णत: कर रहित है तथा इसमें आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत छूट भी प्राप्त है।

उन्होंने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत माता-पिता या कानूनी अभिभावक दो लड़कियों के लिए यह खाता खुलवा सकते हैं। बेटी के जन्म से 10 वर्ष तक की उम्र में सुकन्या समृद्धि खाता खोला जा सकता है। यह खाता लडक़ी के नाम से ही खोला जा सकता है। 

जमाकर्ता माता-पिता या अभिभावक में से एक होगा जो नाबालिग लडक़ी की ओर से पैसा जमा करेगा। उन्होंने बताया कि मात्र 250 रुपये से खाता खोला जा सकता है लेकिन साल में कम से कम एक हजार रुपये हर खाते में जमा होने चाहिए, अधिकतम एक लाख 50 हजार रुपये वर्ष में जमा किए जा सकते है। एक वित्त वर्ष में पैसे नकद, चैक या ड्रा$फ्ट के जरिए कितनी बार ही जमा किए जा सकते हैं।

उन्होंने बताया कि इस योजना में जमा राशि पर ब्याज की गणना सालाना की जाती है। अभिभावक इस खाते में 14 साल तक ही पैसे जमा करवा सकते हैं और 21 वर्ष में यह खाता मैच्योर हो जाएगा। 

उन्होंने बताया कि 18 वर्ष के बाद बेटी की उच्चतर शिक्षा के लिए तथा विवाह के समय जमा राशि में से आधा हिस्सा निकलवाया जा सकता है। यह खाता इसके खोले जाने की तिथि से लेकर लडक़ी की आयु 21 वर्ष होने तक तथा उसके विवाह के बाद बंद किया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि खाता खुलवाने के लिए बेटी के जन्म का प्रमाण पत्र, अभिभावक के पते का प्रमाण तथा फोटो पहचान पत्र (पैन कार्ड, वोटर आईडी या आधार कार्ड) होना अनिवार्य है।