RBI Update: RBI का नया नियम लागू! अब एक बार में इतने पैसे निकाल पाएंगे बैंक से

आज के डिजिटल युग में हममें से ज़्यादातर लोग अपने रोज़ाना के लेन-देन के लिए UPI या नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं। फिर भी कई बार ऐसा होता है जब हमें बड़ी मात्रा में कैश जमा करने या निकालने की ज़रूरत होती है। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि आयकर विभाग ने बचत खातों में कैश लेन-देन पर कुछ नियम लागू किए हैं। 

 

आज के डिजिटल युग में हममें से ज़्यादातर लोग अपने रोज़ाना के लेन-देन के लिए UPI या नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं। फिर भी कई बार ऐसा होता है जब हमें बड़ी मात्रा में कैश जमा करने या निकालने की ज़रूरत होती है। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि आयकर विभाग ने बचत खातों में कैश लेन-देन पर कुछ नियम लागू किए हैं। 


इन नियमों का मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और दूसरी अवैध वित्तीय गतिविधियों को रोकना है। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये या उससे ज़्यादा कैश जमा करते हैं, तो बैंक को इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है। 


अगर आपका चालू खाता है, तो यह सीमा बढ़कर 50 लाख रुपये हो जाती है। पैसे निकालने की बात करें, तो सेक्शन 194N के तहत नियम हैं। अगर आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बचत खाते से 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा निकालते हैं, तो 2 टीडीएस कटेगा।

और अगर आपने पिछले तीन सालों में आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है, तो 20 लाख रुपये से ज़्यादा की निकासी पर भी 2 टीडीएस लगेगा। खास बात यह है कि अगर ऐसे व्यक्ति ने एक वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपये निकाले हैं, तो 5 टीडीएस कटेगा।

लेकिन चिंता न करें, इस टीडीएस को आय नहीं माना जाता है। आप इसे आयकर रिटर्न दाखिल करते समय क्रेडिट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

जमा के मामले में, धारा 269ST महत्वपूर्ण है। अगर कोई व्यक्ति अपने खाते में 2 लाख रुपये या उससे अधिक नकद जमा करता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, यह जुर्माना केवल जमा पर लागू होता है, निकासी पर नहीं।

इन नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। यह न केवल आपको कानूनी जटिलताओं से बचाता है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। याद रखें, पारदर्शिता और ईमानदारी हमेशा सबसे अच्छी नीति होती है।