Haryana Panchayat Elecitons : हरियाणा में अब सरपंची के निकलेंगे ड्रा, देखिए कब होंगे पंचायत चुनाव?

 

हरियाणा के बाइस जिलों में जिला परिषद के 411 सदस्यों के लिए अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग ए की सीटों के आरक्षण संबंधी ड्रा निकाल दिए गए हैं। अब इस महीने सभी 6228 गांवों के सरपंचों के अलावा ब्लॉक समिति सदस्यों में आरक्षण को लेकर ड्रा निकाले जाएंगे। यह ड्रा प्रक्रिया पूरी होने के बाद सारी लिस्ट पंचायत विकास विभाग की ओर से राज्य चुनाव आयोग को दी जाएगी और इसके बाद आयोग चुनाव संबंधी अधिसूचना जारी की जाएगी।

पंचायत विकास विभाग की ओर से सभी जिलों के उपायुक्तों को 30 सितंबर तक ड्रा की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं और इसके बाद झज्जर, गुरुग्राम, पंचकूला, फतेहाबाद, सिरसा सहित सभी जिलों में इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं इससे पहले पंचायत विकास विभाग की ओर से जारी की ड्रा सूची के अनुसार सभी 22 जिला परिषदों में कुल 36 वार्ड पिछड़ा वर्ग-ए तथा 92 वार्ड अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं।

पिछड़ा वर्ग-ए के लिए हिसार, करनाल और सिरसा की जिला परिषदों में सर्वाधिक तीन-तीन वार्ड आरक्षित किए गए हैं, जबकि गुरुग्राम में पिछड़ा वर्ग के लिए कोई वार्ड आरक्षित नहीं है। अब यह ड्रा प्रक्रिया पूरी होने के बाद तमाम जिलों में सरपंच और ब्लॉक समिति पदों के लिए ड्रा निकाले जाने हैं।

यह ड्रा की प्रक्रिया जारी है और ऐसी उम्म्मीद है कि इस महीने के अंत यह पूरी प्रक्रिया संपन्न कर ली जाएगी। इसके बाद सारी सूची विभाग की ओर से प्रदेश के निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी और इसके बाद ही आयो चुनाव का शैड्यूल जारी करेगा। प्रदेश में जिला परिषद सदस्य- 411, पंचायत समिति सदस्य- 3079, सरपंच- 6219 और पंच- 61973 पद के लिए चुनाव होगा। उल्लेखनीय है कि हरियाणा पंचायत चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने सरकार को पत्र लिख चुका है।

पत्र में आयोग ने सरकार से कई बिंदुओं पर 22 सितंबर तक जानकारी मांगी है। आयोग ने पत्र में कहा गया था कि यदि सरकार तय समय पर जानकारी दे देती है तो 30 नवंबर तक आयोग चुनाव करवाने में सक्षम है।

लगातार लटके रहे चुनाव

हरियाणा में करीब साढ़े 6 हजार ग्राम पंचायतें हैं। हर पांच साल की अवधि के बाद पंचायती चुनाव करवाए जा सकते हैं।

पर पिछले कुछ दशकों से पंचायती चुनाव कभी समय पर नहीं हुए। साल 2010 में 5 माह देरी से चुनाव हुए और उसके बाद जून 2015 में पंचायती चुनाव होने थे। पर भाजपा सरकार की ओर से पंचायती राज प्रणाली में शैक्षणिक योग्यता लागू किए जाने के कारण पंचायती चुनाव करीब 6 माह की देरी से जनवरी 2016 में हुए थे।

हरियाणा में पिछले पंचायती चुनाव 2016 में 10 जनवरी, 17 जनवरी व 24 जनवरी को अलग-अलग तीन चरणों में हुए थे। इस बार तो पंचायती चुनावों में करीब डेढ़ साल की देरी की संभावना बन गई है। हरियाणा में 6205 सरपचों के अलावा 22 जिलों के 416 जिला परिषद सदस्यों, 142 ब्लॉक समितियों के 3002 सदस्यों के जबकि 62466 पंचायत सदस्यों के चुनाव होने हैं।

24 फरवरी तक था कार्यकाल

पिछली बार जनवरी 2016 में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव हुए थे। फरवरी 2921 से पहले पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव नियम के अनुसार करवाए जाने थे।

चुनाव आयोग छह माह तक चुनाव को टाल सकता है और विशेष परिस्थिति में इन्हें एक साल तक के लिए टाला जा सकता है। गौरतलब है कि हरियाणा में पंचायत चुनाव खासकर गांव के सरपंच का चुनाव चौधर व रुतबे का प्रतीक माना जाता है।

राजनीतिक दल भी इससे अछूते नहीं रहते हैं। बड़े गांवों में तो राजनीतिक दलों का हस्तक्षेप व्यापक पैमाने पर देखने को नजर आता है। यहां पर सरपंची के चुनाव में प्रत्येक वोटर्स की नब्ज टटोलने के साथ ही सभी तरह का शह-मात का खेल चलता है।

खण्ड झज्जर, मातनहेल, साल्हावास, माछरौली के लिए ड्रा 28 को

हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 (संशोधित) की धारा 9 व 59 तथा हरियाणा पंचायती राज निर्वाचन नियम, 1994 के नियम 5 के तहत जिला के खण्ड झज्जर, मातनहेल, साल्हावास व माछरौली की सभी ग्राम पंचायतों के पंच व सरपंच तथा पंचायत समिति के सदस्यों के लिए पिछड़ा वर्ग (ए) के वार्ड आरक्षित करने के लिए ड्रा ऑफ लॉट्स के माध्यम आरक्षित करने की कार्यवाही 28 सितंबर को की जाएगी।

एसडीएम रविंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछड़ा वर्ग (ए) के साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जाति (महिला) व महिलाओं के लिए वार्डों का आरक्षण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 28 सितंबर को संवाद भवन में प्रात: आठ बजे माछरौली खण्ड, 11 बजे झज्जर खण्ड, दोपहर एक बजे साल्हावास खण्ड व तीन बजे मातनहेल खण्ड के लिए ड्रा ऑफ लॉट्स की प्रक्रिया की जाएगी।