हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से हटते ही कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे मनोहर लाल, पवन खेड़ा का दावा 
 

 

हरियाणा में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना सबसे बड़ा सियासी दांव चला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने दावा किया है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद मनोहर लाल खट्टर दुखी हो गए थे। इसके बाद मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस से संपर्क साधा और कुछ सहयोगियों के साथ कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे।
 
पवन खेड़ा के हवाले से दावा किया गया है कि मनोहर लाल खट्टर सीएम पद से हटने के बाद दुखी हो गए थे। उन्‍होंने कांग्रेस तक संदेश पहुंचाया था कि वे अपने कुछ सहयोगियों के साथ कांग्रेस ज्‍वाइन करना चाहते हैं, मगर ऐसा नहीं हुआ।

 
उधर, मनोहर लाल खट्टर को मुख्‍यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद कांग्रेस के पास गए कि नहीं? इस बारे में भाजपा की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का यह भी कहना है कि खट्टर की असफलताओं को छिपाने से हरियाणा की जनता का गुस्‍सा शांत नहीं होगा। मतदाता इतने नाराज हैं कि जब वे EVM का बटन दबाते हैं तो इस बात का भी खतरा रहता है कि कहीं मशीन ना टूट जाए।

उल्‍लेखनीय है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में मनोहर लाल खट्टर कांग्रेस पर दलित नेता कुमारी सैलजा के अपमान का आरोप लगाकर उन्‍हें भाजपा में आने का ऑफर देने के चलते भी सुर्खियों में हैं।

अंबाल में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा को लेकर यह भी कहा कि उनकी पार्टी का मामला है, आखिर उन्हें इनके(कुमारी सैलजा) बारे में सफाई क्यों देनी पड़ रही है? इसका मतलब आप समझ सकते हैं कि कांग्रेस में क्या पक रहा है।

उल्‍लेखनीय है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने 40 सीटें जीती थी और 10 सीटें जीतने वाली जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। भाजपा के मनोहर लाल खट्टर सीएम और जेजेपी के दुष्‍यंत चौटाला डिप्‍टी सीएम बने थे। चार साल बाद 2024 में भाजपा-जेजेपी का गठबंधन टूट गया था। तब मनोहर लाल खट्टर को सीएम पद से हटाया गया था। उनकी जगह नायब सिंह सैनी को कमान सौंपी गई थी।