History Of Haryana : नहरों की नगरी टोहाना की कहानी है बड़ी लाजवाब, इतिहास है अनूठा
आज आपको जानकारी देंगेफतेहाबाद जिले के खूबसूरत शहर टोहाना के बारे में। टोहाना को धर्मनगरी भी कहा जाता है। नहरों के जाल से घिरे टोहानों को नहरों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। टोहाना हरियाणा के प्राचीन शहरों में से एक है। इसका इतिहास बहुत अनूठा है। यह पूरा इलाका संभवत पांडवों और उनके उत्तराधिकारियों के राज्य का एक महत्वपूर्ण नगर था।
ऋषि पाणिनी ने भी अपने ग्रंथ में इस शहर का जिक्र किया है। प्राचीन समय में इसका नाम तौशयाना था जो बाद में टोहाना हो गया। ऐसा माना जाता है कि टोहाना को पटियाला के प्रमुख की ओर से कब्जा लिया गया था। कभी टोहाना के आसपास का क्षेत्र रेगिस्तानी भूमि हुआ करता था। रेगिस्तान की इस तस्वीर को बदला टोहाना से ही ताल्लुक रखने वाले पदम विभुषण इंजीनियर कंवर सैन गुप्ता ने। भाखड़ा डैम की परिकल्पना को मूर्त रूप देने वाले राय सेन गुप्ता ने टोहाना में बलियाली हैड का निर्माण कराया।
इस इलाके में पानी आया तो यहां की खेती संवर गई। अगर टोहाना की संस्कृति, अर्थव्यवस्था और भाषा की बात करें तो टोहाना में मुख्य रूप से ङ्क्षहदू, सिख और जैन समाज के लेाग निवास करते हैं। यहां पर अधिकांश लोग पंजाबी, ङ्क्षहदी भाषा बोलते हैं। अर्थव्यवस्था पूरी तरह से खेती पर टिकी है। यह पूरा क्षेत्र व्यापार और खेती के नजरिए से काफी समृद्ध माना जाता है। इस क्षेत्र में पंजाबी, हिंदी के अलावा हरियाणवी, बागड़ी और सरायकी भाषाएं आम हैं। इस छोटे से शहर का सबसे मजबूत हिस्सा सांप्रदायिक सद्भाव है।
टोहाना आजकल आसपास के क्षेत्रों के लिए एक प्रमुख चिकित्सा केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। टोहाना की अनाजमंडी यहां की अर्थव्यवस्था का बड़ा केंद्र है। टोहाना अनाज मंडी आसपास के कई गांवों का मुख्य कारोबारी केंद्र है। टोहाना में धान, कपास, गेहूं, सरसों जैसी फसलें अधिक होती हैं। टोहाना उत्तरी रेलवे द्वारा दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लुधियाना, अमृतसर, जम्मू, बठिंडा, फरीदकोट, फिरोजपुर और अन्य प्रमुख शहरों से सीधे जुड़ा हुआ है। यहां का सड़क नेटवर्क भी काफी मजबूत है। रेलवे नेटवर्क की बात करें तो टोहाना में दो रेलवे स्टेशन हैं। एक शहर के बिल्कुल मध्य में है और दूसरा करीब दो किलोमीटर की दूरी पर गांव जमालपुर में है। टोहाना में एक बड़ा बस स्टैंड है जहां से अंतर्राजीय बसें चलती हैं।
टोहाना शहर का जिक्र हो और यहां पर बने खूबसूरत और मनोरम टोहाना हैड की बात न हो तो टोहाना की कहानी अधूरी रह जाएगी। टोहाना शहर में सात नहरें हैं। इस छोटे से शहर का मु य आकर्षण भाखड़ा मेन नहर के प्रमुख कार्यों के पास स्थित बलियाला गेस्ट हाउस है, जहां पर भाखड़ा नंगल मु य शाखा नहर के पानी के सात अलग-अलग चैनलों में उप-वितरण का आनंद ले सकते हैं। इसलिए यह शहर सात नहरों से घिरा हुआ है। अब टोहाना प्रशासन द्वारा शहर के इस मुख्य आकर्षण केंद्र को एक भव्य पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
नहरों की नगरी टोहाना में यह हैड पर्यटन का हब बन रहा है। यह हैड बना तो हरियाणा और राजस्थान की खेती संवर गई। जितना खूबसूरत यह हैड, उतनी ही खूबसूरत और रोचक कहानी इस हैड के बनने की है। आजादी से पहले देश में भाखड़ा डैम बनाने की पहल हुई। दीनबंधू सर छोटूराम की ओर से की गई पहल को जिस शख्स ने पूरा किया था वे टोहाना के ही रहने वाले थे।
टोहाना के कंवर सेन गुप्ता। देश के जाने-माने इंजीनियर। देश आजाद होने के बाद 1948 में इस परियोजना पर काम शुरू हुआ। चीफ इंजीनियर कंवर सेन के निर्देशन में। उन्होंने नेहरु के आगे एक अनूठी शर्त रख दी। अपने शहर टोहाना में हैड बनाने की। तभी टोहाना में यह बलियाली हैड बना। आज इस हैड से सात अलग-अलग नहरें निकलती हैं। एक बड़ी नहर राजस्थान के गंगानगर में जाती है। कुछ सिरसा में। हैड पर एक रेस्ट हाऊस बना हुआ है। यहां का मनमोहक दृश्य हर किसी को अपनी ओर खींचता है। ऐसे में लोग यहां पिकनिक मनाने आते हैं।
अब अगर राजनीतिक दृष्टि से बात करें तो टोहाना ने सियासत में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है। सरदार हरपाल सिंह 1967 से कई बार टोहाना से विधायक के रूप में जीते और हरियाणा सरकार में मंत्री भी रहे। उनके बेटे सरदार परमवीर सिंह भी हुड्डा सरकार में कृषि मंत्री रहे।
टोहाना से ताल्लुक रखने वाले सुभाष बराला 2014 में टोहाना से विधायक चुने गए। वे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में जजपा के देवेंद्र बबली यहां से विधायक हैं। इसके आलावा कर्म ङ्क्षसह डागरा, स. निशान सिंह , कामरेड हरपाल सिंह , विनोद मडिय़ा व हनुमान बिश्रोई भी यहां से विधायक रहे। अब अगर टोहाना की आबादी की बात करें तो 2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, टोहाना की आबादी 63,871 थी। अब अनुमानित आबादी 80 हजार के करीब है।
टोहाना में मनोरंजन के दृष्टिगत कई पार्क हैं तो अब एक आधुनिक पीवीआर है। कभी यहां पर तीन सिनेमाघर होते थे। टोहाना में हिसार रोड पर टाऊन पार्क, चंडीगढ़ रोड पर हर्बल पार्क जबकि रेलवे रोड पर कल्पना चावला पार्क है। यहां पर अनेक धार्मिक केंद्र है। इस वजह से टोहाना को अध्यात्म की नगरी भी कहा जाता है। टोहाना में मुख्य रूप से बाला जी मंदिर, विश्वकर्मा मंदिर, खाटू श्याम मंदिर, गौरीशंकर मंदिर, पंचमुखी शिव मंदिर, तेरापंथ भवन, नगर खेड़ा, श्रीराम मंदिर, श्री शनि मंदिर आस्था के केंद्र हैं। शैक्षणिक दृष्टि से देखें तो टोहाना शहर में दो स्नातकोत्तर स्तर के कॉलेज हैं।