Haryana Weather Udpate: हरियाणा में तापमान 38 डिग्री पार, 2 दिन बाद 9 जिलों में बदलेगा मौसम, देखें मौसम पूर्वानुमान

हरियाणा में मानसून के कमजोर पड़ते ही गर्मी ने अपना तेवर दिखाना शुरु कर दिया है।
 

Haryana Weather Udpate: हरियाणा में मानसून के कमजोर पड़ते ही गर्मी ने अपना तेवर दिखाना शुरु कर दिया है। मौसम बदलाव की वजह से तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है। तीन दिन में अधिकतम तापमान में 2 डिग्री की ब़ढ़ोत्तरी हो चुकी है। पिछले 24 घंटो में तापमान 38 डिग्री को पार कर गया है।

सिरसा सबसे गर्म दर्ज किया गया, यहां अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री दर्ज किया गया। हालांकि 4 अक्टूबर से एक बार फिर मौसम बदलेगा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान प्रदेश के 9 जिलों में तापमान में गिरावट आएगी। हल्की बूंदाबांदी के भी आसार हैं।

प्रदेश के जिन जिलों में 4 अक्टूबर से मौसम में बदलाव की संभावना है, उनमें यमुनानगर, सिरसा, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, मेवात शामिल हैं।

 
सिर्फ 4 प्रतिशत कम हुई बारिश

राज्य में मानसून का प्रदर्शन अब तक संतोषजनक रहा है। कुल मिलाकर अब तक 424.6 मिमी बारिश के मुकाबले 406.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से महज 4% कम है। यानी बारिश का कोटा लगभग पूरा हो चुका है।

दूसरी ओर, अगर जिले के हिसाब से बारिश की स्थिति देखें तो 10 जिले ऐसे हैं, जिनमें 10 से 38% कम बारिश दर्ज की गई है। 12 जिलों में सामान्य से 10 से 71% अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में राज्य के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी और कुछ जगहों पर मौसम साफ रहने की संभावना जताई है।

इन जिलों में उम्मीद से ज्यादा बारिश

इस बार मानसून सीजन नूंह, गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ पर ज्यादा मेहरबान रहा। नूंह में सामान्य से 71 फीसदी, गुरुग्राम में 53 फीसदी और महेंद्रगढ़ में सामान्य से 43 फीसदी अधिक बारिश हुई है। इन 3 जिलों में अत्यधिक बारिश हुई है। हालांकि झज्जर, चरखी दादरी, रेवाड़ी, पलवल, सिरसा और कुरुक्षेत्र में भी सामान्य से अधिक बारिश हुई है।

ये 3 जिले सबसे सूखे रहे

हालांकि मानसून अब तक 10 जिलों में बारिश का कोटा पूरा नहीं कर पाया है, लेकिन सबसे अधिक बेरुखी करनाल, यमुनानगर और पंचकूला की रही। करनाल में सामान्य से 38 फीसदी, यमुनानगर में 33 फीसदी और पंचकूला में सामान्य से 32 फीसदी कम बारिश हुई है। मानसून कभी भी विदा हो सकता है, इसलिए इन जिलों के लिए बारिश का कोटा पूरा करना संभव नहीं लगता।