Haryana Outsourcing Employees: हरियाणा सरकार की कर्मचारियों के पक्के करने की नीति से संतुष्ट नहीं कर्मचारी, बोले- काला कानून लाई सरकार
राज्य प्रधान रामरतन के नेतृत्व में आज यानि10 अगस्त को प्रदेश की कार्यकारिणी तथा विभिन्न विभागों स्वास्थ्य, आईटीआई, हायर एजुकेशन, सिंचाई, पीडब्ल्यूडी, फूड एंड ड्रग, बिजली, पशुपालन, रोडवेज, रेवेन्यू, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, ई. एस. आई. हेल्थ केयर, वस्तुकला, आयुष तथा पंचायत राज इत्यादि के विभागीय प्रधानों की विडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सरकार द्वारा लाए जाने वाले काले कानून के विषय में मींटिंग की गई।
प्रत्येक पार्ट-।। कर्मचारी अपनी 58 वर्ष की आयु तक सेवा में बना तो रहेगा परंतु कर्मचारी अपनी आवाज न तो खुल कर उठा सकता और न ही न्यायालय में न्याय के लिए जा सकता।
हरियाणा सरकार द्वारा कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने की एक सम्मानजनक नीति बनाने की बजाय काला कानून ला कर कभी भी पक्के न होने का रास्ता बंद करने जा रही है। जिसका प्रदेश का प्रत्येक कर्मचारी इस काले कानून का पुरजोर विरोध करता है व घोर निंदा करता है।
हरियाणा सरकार को चेताया जाता है कि पार्ट-।। कर्मचारियों को इस काले कानून को न लाकर नियमितिकरण पॉलिसी लाकर पक्का किया जाए जिससे ये कर्मचारी अपना जीवनयापन सुचारू रूप से कर सके।
नायब सरकार को पत्रों के माध्यम से कम से कम समय की नियमितिकरण पॉलिसी लाकर पक्का करने का अनुरोध किया गया था, परन्तु सरकार द्वारा इस काले कानून के माध्यम से कच्चे कर्मचारियों को कच्चे बने रहने का इंतजाम कर दिया जाएगा ताकि ये कर्मचारी कभी पक्के होने की मांग तक न उठा सकें
पार्ट-।। कर्मचारी संवैधानिक तरीके से भी पक्का होने का पूर्ण अधिकार रखते है।
हरियाणा प्रदेश के विभिन्न विभागों, बोर्डो, निगमों, कॉर्पोरेशन, सोसाईटी तथा निकायों में 3-10 वर्षो से ग्रुप बी. सी. एवं डी. लगभग सात हजार कर्मचारी सरकार की आउटसोर्स पॉलिसी पार्ट-।। के अंतर्गत स्वीकृत रिक्त पदों पर निर्धारित प्रकिया का पालन करते हुए रेगुलर भर्ती की तरह विभागाध्यक्ष द्वारा सेवा नियमों के अनुसार सार्वजनिक विज्ञापन/रोजगार कार्यालय द्वारा भर्ती किए गए हैं।
सरकार ने अपनी हटधर्मिता के सामने वादा खिलाफी कार्य कर काला कानून बना कर कर्मचारियों के मनोबल को गिराने का काम किया है। सरकार को इसका खामियाजा आने वाले विधानसभा चुनावों भुगतना पड सकता है। आउटसोर्स पार्ट-।। कर्मचारियों में एक्ट को लेकर भारी रोष है, जल्द ही आगामी रणनीति तैयार कर सी0एम0 आवस का घेराब करेगें तथा आर या पार की लडाई के लिए रोडों पर उतरेगें।
पार्ट-।। कर्मचारियों को इस काले कानून को आने से निम्नलिखित लाभों से रखा जाएगा वंचित सम्मानजनकः मंहगाई भत्ता, एच0आर0ए0, मैडिकल भत्ता, एल.टी.सी., अर्जित अवकाश, शीशु देखभाल अवकाश, अनुकम्पा सहायता, कर्मचारियों को कैसलैस मेडिकल सुविधा, स्पेशल अलाउंस, चाइलड एजुकेशन अलाउंस, लॉन व एडवांस, पदोन्नती, ए0सी0पी0, लीव इनकेशमेंट, जी0आई0एस0 तथा पैंशन इत्यादि। पार्ट-।। कर्मचारियों के साथ की जा रही इस तरह की ना इंसाफी कभी माफ नही करेगी।
हरियाणा सिविल सर्विस रूल 2016 लागू करते हुये नियमितिकरण पॉलिसी लाई जाये। इस मौके पर आउटसोर्स पार्ट-।। कर्मचारी संगठन के राज्य महासचिव योगेश चंद्र, प्रेस सचिव सतवीर, संयोजक संदीप देशवाल, प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर संजय मुंडे, हायर एजुकेशन विभाग से धर्मेंद्र दहिया, रविंद्र कुमार, रोहित कुमार, रंजना,
स्वास्थ्य विभाग से दर्शन हुडा, बिजली विभाग जसपाल टोपरा, रोडवेज विभाग से सुदीप सांगवान, पंचायत विभाग से अमित पांचाल, प्रदीप राणा, ओम राम, राजकुमार तथा आईटीआई यूनियन की प्रधान मैडम अनिता, अमित ढिल्लो, जय दीक्षित, बिजली विभाग से सुभाष रोहिला, सुनील कुमार, ग्रिवांस कमेटी से अश्वनी मलिक,
सवीन जी, रूपेश गोयत, राजकुमारी, सुमन, विनीता सिचाई विभाग से श्री मुकेश पटवारी, पी,डब्ल्यू,डी, रवि कुमार, चिराग, कार्यकारिणी सहयोगी मोहन सुथार, रोहताश, संजय शर्मा, विकास मलिक, बिन्टू मोर, महीपाल मलिक, हरीश चावला, सहित विभिन्न विभागों के सैंकड़ों की संख्या में पार्ट-।। कर्मचारी मौजूद रहें।