Haryana news : हरियाणा में सैलजा की नाराजगी से बढ़ी कांग्रेस की टेंशन, हुड्डा प्रचार में डटे लेकिन सैलजा समर्थक 5 उम्मीदवारों से बनाई दूरी

हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस दो गुटों में बंट गई। टिकट वितरण के बाद से ही चुनाव प्रचार के दौरान सांसद कुमारी सैलजा नजर नहीं आ रही।
 

Haryana news : हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस दो गुटों में बंट गई। टिकट वितरण के बाद से ही चुनाव प्रचार के दौरान सांसद कुमारी सैलजा नजर नहीं आ रही। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा उन पार्टी उम्मीदवारों को सपोर्ट नहीं कर रहे जिन उम्मीदवारों को सैलजा की पैरवी के कारण टिकट मिला है।

ऐसे में प्रदेश की 5 सीटों पर पार्टी कमजोर हो चली है। सैलजा की अनुपस्थिति में ये 5 सीटों के उम्मीदवार अपना चुनाव प्रचार खुद ही कर रहे हैं। इनकी टक्कर भाजपा के बड़े चेहरों से है, इसलिए इन उम्मीदवारों की जीत की डगर काफी मुश्किल है।

कांग्रेस कैंडिडेट के सामने बेटी उतारकर मुश्किल बढ़ाई

अंबाला सिटी से हुड्‌डा गुट के कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल सिंह ने अपनी ही बेटी चित्रा सरवारा को अंबाला कैंट विधानसभा से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतार दिया है। इससे कांग्रेस कैंडिडेट परविंदर परी की मुसीबत बढ़ गई है। इस सीट पर उनका मुकाबला पहले से ही कड़ा था, क्योंकि यहां से भाजपा ने पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को टिकट दिया है।

वहीं, हिसार में कांग्रेस कैंडिडेट राम निवास राड़ा को हुड्‌डा समर्थकों का खुलकर समर्थन नहीं मिल रहा है। इसके अलावा फतेहाबाद विधानसभा में हुड्‌डा के नजदीकी नेताओं ने बलवान सिंह दौतलपुरिया के प्रचार से दूरी बना ली है।

अंबाला में सैलजा का खुद का जनाधार

हालांकि, पंचकूला में पूर्व डिप्टी CM चंद्रमोहन बिश्नोई और जगाधरी विधानसभा से पूर्व डिप्टी स्पीकर अकरम खान मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा से यहां उन्हें सीधी टक्कर मिल रही है। चुनाव प्रचार में दोनों को कुमारी सैलजा की कमी खल रही है।

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और मौजूदा सांसद कुमारी सैलजा अंबाला से सांसद रह चुकी हैं। यहां उनका अपना जनाधार भी है। इन सभी पांचों सीटों पर कांग्रेस को 2019 में हार का सामना करना पड़ा था। खास बात यह है कि इन सीटों पर भाजपा के विधायक ही चुनाव लड़ हैं। इनमें से विधानसभा स्पीकर सहित 3 कैबिनेट मंत्री हैं।